लोढ़ा प्रभाव : बीसीसीआई भुगतान मुद्दे पर अब भी ‘भ्रम” की स्थिति में
नयी दिल्ली : लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर बीसीसीआई के आला अधिकारियों ने आज कहा कि क्रिकेट बोर्ड अब भी ‘भ्रम’ की स्थिति में है कि दो बैंक खातों से किस तरह का भुगतान किया जा सकता है. बीसीसीआई के सूत्रों ने बताया कि क्रिकेट बोर्ड को इस मुद्दे पर स्पष्टता के लिए कल […]
नयी दिल्ली : लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर बीसीसीआई के आला अधिकारियों ने आज कहा कि क्रिकेट बोर्ड अब भी ‘भ्रम’ की स्थिति में है कि दो बैंक खातों से किस तरह का भुगतान किया जा सकता है. बीसीसीआई के सूत्रों ने बताया कि क्रिकेट बोर्ड को इस मुद्दे पर स्पष्टता के लिए कल उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार है. सूत्रों के अनुसार न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला जारी रखने के लिए इस मुद्दे पर स्पष्टता जरुरी है.
गतिरोध के बीच बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आज राज्य संघों को पत्र लिखते हुए कहा कि न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति ने बैंकों से दो बैंकों येस बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र के खातों पर लगी रोक हटाने को कहा है लेकिन अब भी इसे लेकर ‘भ्रम’ की स्थिति है कि बोर्ड किस तरह का भुगतान कर सकता है.
ठाकुर ने लिखा, ‘‘मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद लोढ़ा समिति ने चार अक्तूबर 2016 को स्पष्ट किया कि बैंक खातों पर लगी रोक हटाई जाएगी. समिति ने कहा कि सिर्फ नियमित भुगतान को स्वीकृति दी जाएगी लेकिन इस पर कोई दिशानिर्देश नहीं दिए. बैंकों ने आयोग से ये दिशानिर्देश मांगे हैं लेकिन उन्होंने अब तक नहीं दिए हैं.”
ठाकुर ने कहा, ‘‘किन भुगतानों को स्वीकृति दी जाएगी इसे लेकर अब भी काफी भ्रम है और यहां तक कि समिति ने कहा है कि राज्य संघों को कोई भुगतान नहीं किया जाए और साथ ही राज्य संघों को निर्देश दिया है कि बीसीसीआई से स्थानांतरित कोष का इस्तेमाल नहीं करें.” उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इससे भारत और बीसीसीआई की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ा है क्योंकि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों ने भी बीसीसीआई के बैंक खातों पर रोक लगाने और रोक हटाने की खबरें छापी हैं.”
मौजूदा श्रृंखला के आयोजन को लेकर जब स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया तो ठाकुर ने कहा, ‘‘बीसीसीआई के पास कोई मैदान नहीं है. मैचों की मेजबानी राज्य संघ करते हैं. अगर राज्य संघ मैचों का आयोजन कर सकते हैं तो उन्हें करना चाहिए.” साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी राज्य संघ के पास पर्याप्त पैसा नहीं होगा तो मैचों के आयोजन में दिक्कत आएगी.
