BCCI भगवान की तरह व्यवहार ना करे, कानून का पालन करे, वरना हम करवा लेंगे : SC

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज बीसीसीआई को आड़े हाथों लेते हुए उसे ‘आदेश का पालन’ करने को कहा क्योंकि न्यायमूर्ति आर एम लोढा पैनल ने शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं करने के लिये क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के सहित उसके शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 28, 2016 12:37 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज बीसीसीआई को आड़े हाथों लेते हुए उसे ‘आदेश का पालन’ करने को कहा क्योंकि न्यायमूर्ति आर एम लोढा पैनल ने शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं करने के लिये क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के सहित उसके शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग की. लोढा पैनल ने उच्चतम न्यायलय में अपनी स्थिति रिपोर्ट में क्रिकेट प्रशासकों से क्रिकेट संस्था के आला अधिकारियों को बदलने की मांग की थी.

उसने कहा कि बीसीसीआई और उसके अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और बार बार बयान जारी कर अदालत के और लोढा पैनल के सदस्यों के अधिकार को कमतर आंक रहे हैं जिन्होंने बीसीसीआई में ढांचागत सुधारों की सिफारिश की थी. लोढ़ा पैनल के वकील ने कहा कि बीसीसीआई ईमेल और उन्हें भेजे गये अन्य संवादों का जवाब नहीं दे रहा है तथा लगातार अदालत के आदेश का निरादर कर रहा है. प्रधान न्यायधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रस्तुतियों का संज्ञान लेते हुए कहा कि ये गंभीर आरोप हैं और बीसीसीआई को अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा. न्यायधीश ए एम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा, ‘‘अगर बीसीसीआई को लगता है कि वे खुद को इनसे उपर समझते हैं तो वे गलत हैं. उन्हें अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा. ‘

पीठ ने कहा, ‘‘आप (बीसीसीआई) भगवान की तरह व्यवहार कर रहे हो. आदेश का पालन करो, वर्ना हम तुम्हें आदेश का पालन करवायेंगे. ‘ साथ ही कहा, ‘‘बीसीसीआई निर्देशों का पालन नहीं कर व्यवस्था की बदनामी कर रहा है. ‘ बीसीसीआई की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ वकील अरविंद दातर ने कहा कि बीसीसीआई ने अधिकतर निर्देशों का पालन किया है और धीरे- धीरे बाकी का पालन भी करेंगे. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘कानून की अवज्ञा नहीं करनी चाहिए. जैसे चीजें घट रही हैं, उससे हम खुश नहीं हैं.

हमें बीसीसीआई से इस रवैये की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. आपको अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा। ‘ क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार ने भी शीर्ष अदालत का रुख किया और कहा कि अदालत के समक्ष लंबित समीक्षा याचिका को तत्काल रूप से लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई द्वारा दायर की गयी समीक्षा याचिका की रजिस्टरी में अब भी दोष है और वे इसे सुनवाई के लिये नहीं रख रहे हैं. पीठ ने इसकी सुनवाई के लिये छह अक्तूबर का समय दिया.

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