जिंबाब्वे को धूल चटाकर जीत का छक्का जमाने उतरेगी टीम इंडिया
-मैच भारतीय समयानुसार 6.30 बजे से-... आकलैंड : विश्वकप क्रिकेट पूल बी के अंतिम लीग मैच में भारत का मुकाबला जिंबाब्वे से होगा. इस मैच में भारत छठी और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में लगातार दसवीं जीत दर्ज करने के लिए उतरेगा.भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया है और उसने वेस्टइंडीज को […]
-मैच भारतीय समयानुसार 6.30 बजे से-
आकलैंड : विश्वकप क्रिकेट पूल बी के अंतिम लीग मैच में भारत का मुकाबला जिंबाब्वे से होगा. इस मैच में भारत छठी और आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में लगातार दसवीं जीत दर्ज करने के लिए उतरेगा.भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया है और उसने वेस्टइंडीज को छोड़कर बाकी सभी टीमों पर एकतरफा जीत दर्ज की है. कैरेबियाई टीम ने पर्थ के वाका में भारतीय टीम को कड़ी चुनौती दी थी.जिंबाब्वे के खिलाफ मैच महज औपचारिक है लेकिन भारतीय टीम नाकआउट चरण में उतरने से पहले अपना अजेय अभियान जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
किसी भी टूर्नामेंट में लय बरकरार रखना महत्वपूर्ण होता है और भारत जब ईडन पार्क में जिंबाब्वे के खिलाफ मैदान पर उतरेगा तो उसके खिलाड़ी मैच अभ्यास का कोई मौका नहीं चूकना चाहेंगे। जिंबाब्वे ने अब तक पूल में केवल एक जीत दर्ज की है.ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट और उसके बाद त्रिकोणीय श्रृंखला में लचर प्रदर्शन करने वाली महेंद्र सिंह धौनी की टीम में विश्व कप में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है और उसने अभी तक अपने सभी मैच जीते हैं. आलम यह है कि अब भारत को विश्व कप का सबसे मजबूत दावेदार माना जाने लगा है.
भारत ने विश्व कप 2011 के चार मैचों को मिला देने से हर चार साल में होने वाले इस टूर्नामेंट में लगातार नौ जीत दर्ज कर ली हैं और यदि वह कल जिंबाब्वे को भी हरा देता है तो परफेक्ट 10 हासिल करने में सफल रहेगा जो क्वार्टर फाइनल से पहले टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए अहम होगा. भारत ने अब तक टूर्नामेंट में इतना अच्छा खेल दिखाया है कि उसके प्रदर्शन में खामी निकालना मुश्किल है. उसकी बल्लेबाजी बेहद मजबूत नजर आ रही है और सभी सात बल्लेबाजों ने अब तक रन बनाये हैं लेकिन टूर्नामेंट में बदलाव उसके गेंदबाजों के कारण नजर आया.
माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विश्व कप के लिए जो पिचें तैयार की गयी हैं वे बल्लेबाजों के अनुकूल हैं लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने गजब का प्रदर्शन किया है. उन्होंने अब तक पांचों मैचों में विरोधी टीमों को आउट किया है.भारतीय गेंदबाजों ने अपने कप्तान की रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया है और उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन और मोहित शर्मा जैसे गेंदबाजों ने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसी अच्छी टीमों के खिलाफ किसी भी समय ढिलायी नहीं बरती जबकि यूएई और आयरलैंड की टीमों को भारतीय आक्रमण की विविधता से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हुई.
शमी ने भारत की तरफ से सर्वाधिक 12 विकेट लिये हैं लेकिन यह स्वस्थ चर्चा का विषय हो सकता है कि शमी और अश्विन में से विरोधी टीम पर किसने अधिक प्रभाव डाला। अश्विन ने भी 11 विकेट लिये हैं और वह शमी से ज्यादा पीछे नहीं हैं लेकिन तमिलनाडु का यह गेंदबाज बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में माहिर है.
शमी और अश्विन के साथ मोहित की भूमिका शानदार रही है. वह तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में आते हैं और एक निश्चित दिशा और गति से गेंदबाजी करते हैं. यहां तक कि अब तक अधिक सफलता हासिल नहीं कर पाने वाले उमेश यादव और रविंद्र जडेजा ने भी अपना काम पूरी गंभीरता से निभाया है.टूर्नामेंट में भारत का क्षेत्ररक्षण भी अच्छा रहा है. भारतीयों ने कुछ दर्शनीय रन आउट किये.
भारत का सबसे मजबूत पक्ष बल्लेबाजी है. शिखर धवन सही समय पर फार्म में लौटे हैं. वह अब तक 66 . 60 की औसत से 333 रन बना चुके हैं और टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले शीर्ष पांच बल्लेबाजों में शामिल हैं.
जहां तक जिंबाब्वे का सवाल है तो वह ब्रैंडन टेलर को अच्छी विदाई देने की कोशिश करेगा जो एल्टन चिगुंबुरा के चोटिल होने के कारण टीम की अगुवाई करेंगे। टेलर ने विश्व कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर रखी है.लगता नहीं कि जिंबाब्वे की टीम भारत के लिए किसी तरह का खतरा पैदा करेगी लेकिन वह कुछ चुनौती देने में सक्षम है. टेलर और सीन विलियम्स दो ऐसे बल्लेबाज हैं जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और यदि ये दोनों भारतीय गेंदबाजों से निबटने में सफल रहते हैं तो मैच रोमांचक बन सकता है.
