BCCI ने श्रीसंत पर लगे लाइफटाइम बैन को हटाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की

नयी दिल्ली : क्रिकेटर एस श्रीसंत को भले ही केरल हाईकोर्ट से राहत मिल गयी है और उनके उपर लगे लाइफटाइम बैन को हटा दिया, लेकिन बीसीसीआई उसे मानने के लिए तैयार नहीं है. बीसीसीआई सोमवार को केरल हाईकोर्ट में बैन को हटाने के खिलाफ एक याचिका दायर की है. दायर याचिका में बीसीसीआई ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 18, 2017 10:11 PM

नयी दिल्ली : क्रिकेटर एस श्रीसंत को भले ही केरल हाईकोर्ट से राहत मिल गयी है और उनके उपर लगे लाइफटाइम बैन को हटा दिया, लेकिन बीसीसीआई उसे मानने के लिए तैयार नहीं है. बीसीसीआई सोमवार को केरल हाईकोर्ट में बैन को हटाने के खिलाफ एक याचिका दायर की है. दायर याचिका में बीसीसीआई ने कहा है कि हाई कोर्ट का फैसला मौजूदा मानदण्डों के खिलाफ है.

गौरतलब हो कि केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा 2013 आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में श्रीसंत पर लगाया आजीवन प्रतिबंध हटा दिया था. अपने आदेश में न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड की श्रीसंत के खिलाफ शुरू की सभी कार्रवाई को भी रोक दिया.

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इससे पहले बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध को चुनौती देने वाली श्रीसंत की याचिका पर अदालत ने बोर्ड का पक्ष मांगा था. सत्र अदालत ने श्रीसंत को आपराधिक आरोपों से मुक्त कर दिया था लेकिन बीसीसीआई ने इसके बावजूद उन पर से आजीवन प्रतिबंध नहीं हटाया था जो बोर्ड की अनुशासन समिति ने लगाया था.
बीसीसीआई ने कहा था कि अदालत के समक्ष सवाल यह था कि याचिकाकर्ता (और अन्य आरोपी) पर संबंधित दंड सहिता के तहत आपराधिक मामला चले या नहीं. बोर्ड ने कहा कि दूसरी तरफ बीसीसीआई की अनुशासन समिति के सामने सवाल यह था कि याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग तथा बीसीसीआई के आंतरिक अनुशासन नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं. बीसीसीआई ने कहा था कि अनुशासन जांच की तुलना में दंड संहिता के लिए जरुरी सबूत का स्तर काफी ऊंचा होता है.

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