गुरु आचरेकर की एक ”डांट” ने बदल दी सचिन की जिंदगी : VIDEO
मुंबई : महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने शिक्षक दिवस के मौके पर अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया है और उन्हें नमन किया है. सचिन ने अपने ट्विटर पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया और उस वाकये को याद किया, जिसने उनकी जिंदगी ही बदलकर रख दी. सचिन ने […]
मुंबई : महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने शिक्षक दिवस के मौके पर अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को याद किया है और उन्हें नमन किया है. सचिन ने अपने ट्विटर पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया और उस वाकये को याद किया, जिसने उनकी जिंदगी ही बदलकर रख दी.
सचिन ने वीडिया पोस्ट करते हुए लिखा, ‘शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं! आपने जो सिखाया, वो हमेशा मेरे काम आया. आपके साथ उस वाकये को साझा कर रहा हूं, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी.’
सचिन ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया, हमारे स्कूल के दिनों का अजिब से अनुभव रहा है. मैं अपने स्कूल की जूनियर टीम से खेल रहा था और हमारी सीनियर टीम वानखेडे स्टेडियम में हैरिस शील्ड का फाइनल खेल रही थी.
उसी दिन मेरे कोच रमाकांत आचरेकर सर ने मेरे लिए एक अभ्यास मैच का आयोजन किया था. उन्होंने मुझसे स्कूल के बाद वहां जाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘मैंने टीम के कप्तान से बात की है, तुम्हें चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करनी है और फील्डिंग की कोई जरूरत नहीं है.’
Happy #TeachersDay! The lessons you taught me have always served me well. Sharing an incident with you all that changed my life! pic.twitter.com/J1izUvPG3C
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) September 5, 2017
सचिन ने वीडिया में आगे बताया, मैं अभ्यास मैच खेलने नहीं गया और वानखेडे स्टेडियम जा पहुंचा. जहां अपने स्कूल की सीनियर टीम को चियर करने लगा. मैं ताली बजा रहा था और मैच का आनंद ले रहा था. खेल के बाद मैंने आचरेकर सर को देखा, मैंने उन्हें नमस्ते किया. सर ने मुझसे पूछा, ‘आज तुमने कितने रन बनाए? ‘
सचिन ने आगे बताया कि उन्होंने रमाकांत आचरेकर से कहा, सर मैं सीनियर टीम को चीयर करने के लिए यहां आया हूं. यह सुनते ही, मेरे सर ने सभी लोगों के बीच मुझे डांटा. उन्होंने कहा, ‘दूसरों के लिए ताली बजाने की जरूरत नहीं है. तुम अपने क्रिकेट पर ध्यान दो और ऐसा कुछ हासिल करो कि दूसरे तुम्हारे लिए ताली बजाएं.’ मेरे लिए यह बहुत बड़ा सबक था, इसके बाद मैंने कभी भी पीछे मुडकर नहीं देखा.