Tulsi Vivah Puja Samagri List: तुलसी विवाह में इन पूजन सामग्रियों की होगी जरूरत, देखें लिस्ट

Tulsi Vivah Puja Samagri List: तुलसी विवाह का पर्व भगवान विष्णु और माता तुलसी के दिव्य मिलन का प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर पूजा-विधि पूरी करने के लिए खास सामग्रियों की जरूरत होती है। अगर आप भी तुलसी विवाह की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां देखें इसकी पूरी पूजन सामग्री की लिस्ट.

By Shaurya Punj | November 1, 2025 1:40 PM

Tulsi Vivah Puja Samagri List:हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन कार्तिक शुक्ल द्वादशी पर भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप और तुलसी माता का दिव्य विवाह होता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह कराने से कन्यादान के समान पुण्य मिलता है और घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है.

हुआ था तुलसी और भगवान शालिग्राम

यह पर्व कार्तिक मास की देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी को मनाया जाता है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागकर माता तुलसी के साथ विवाह करते हैं. यह विवाह भक्ति, समर्पण और शुभता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन तुलसी और भगवान शालिग्राम (विष्णु स्वरूप) का विवाह घर-घर में बड़ी श्रद्धा और खुशी के साथ संपन्न किया जाता है. इस पवित्र पर्व पर पूजा का विशेष ध्यान रखना जरूरी है, और सबसे अहम होती है पूजा सामग्री (Tulsi Vivah Puja Samagri). आइए जानते हैं तुलसी विवाह में किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है और उनका क्या महत्व है.

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तुलसी विवाह पूजन स्थल की तैयारी के लिए सामग्री

  • तुलसी विवाह का आरंभ पूजन स्थल की तैयारी से होता है. यह स्थान साफ-सुथरा, पवित्र और सुंदर होना चाहिए.
  • तुलसी का पौधा: यह पूजा का मुख्य केंद्र होता है. तुलसी माता को गमले में या भूमि में स्थिर स्थान पर रखा जाता है.
  • मंडप: तुलसी और शालिग्राम जी के विवाह के लिए एक छोटा सुंदर मंडप बनाया जाता है. इसे आमतौर पर बांस, लकड़ी या सजावटी कपड़ों से तैयार किया जाता है.
  • आसन: तुलसी माता और भगवान शालिग्राम के लिए दो छोटे आसन रखे जाते हैं.
  • कुशा या आसन कपड़ा: पूजन करने वाले व्यक्ति के बैठने के लिए पवित्र आसन.
  • कलश: पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक. इसमें जल, आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है, जो मंगल कार्यों में शुभ माना जाता है.

तुलसी और शालिग्राम की सजावट की सामग्री

  • तुलसी का श्रृंगार: तुलसी माता को दुल्हन की तरह सजाया जाता है — नई लाल या पीली चुनरी, बिंदी, कंगन, सिंदूर और मेहंदी से.
  • शालिग्राम जी: भगवान विष्णु के प्रतीक स्वरूप. इन्हें पीले कपड़ों और फूलों से सजाया जाता है.
  • फूलों की माला: विवाह के समय तुलसी और शालिग्राम जी को पहनाई जाती है.
  • सिंदूर और हल्दी: शुभता और सौभाग्य का प्रतीक, विवाह रस्मों में इनका विशेष महत्व है.
  • आभूषण: तुलसी माता को दुल्हन की तरह सजाने के लिए छोटे नकली गहने या सजावटी वस्तुएँ.

तुलसी विवाह पूजा सामग्री (Puja Samagri)

  • पान, सुपारी, लौंग, इलायची: शुभ कार्यों का आरंभ इन्हीं से होता है.
  • रोली और अक्षत (चावल): तिलक और संकल्प के लिए.
  • दीपक और घी: तुलसी विवाह में दीप प्रज्वलित करना अत्यंत शुभ माना गया है.
  • अगरबत्ती और धूप: वातावरण को पवित्र और सुगंधित बनाते हैं.
  • फूल: लाल, पीले और सफेद फूलों का प्रयोग तुलसी और शालिग्राम को चढ़ाने के लिए किया जाता है.
  • नारियल: मंगल कार्यों का प्रतीक, यह कलश पर रखा जाता है.
  • गंगाजल: शुद्धि और पवित्रता के लिए हर विधि में आवश्यक.
  • मिष्ठान और फल: पूजा के बाद भगवान को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं.
  • दक्षिणा: पूजा के पूर्ण होने पर ब्राह्मण को दी जाती है.

भोग और प्रसाद सामग्री

  • तुलसी विवाह के अंत में भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है.
  • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर बनाया जाता है.
  • मिष्ठान (मिठाई): लड्डू, पेड़े या गुड़ से बनी मिठाई भगवान को अर्पित की जाती है.
  • फल: मौसमी फल जैसे केला, अमरूद, आंवला, मूली, सिंघाड़ा आदि.
  • सूखा मेवा: बादाम, काजू, किशमिश आदि भोग में शामिल किए जाते हैं.
  • पान-सुपारी: पूजा पूर्ण होने पर ब्राह्मण को दी जाती है.