कब है मां जानकी जयंती 2025, जानिए व्रत रखने की सही विधि और समय

Sita Navami 2025: सीता नवमी का उत्सव माता सीता की जयंती के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है. सीता नवमी के अवसर पर विशेष उपाय करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. आइए, जानते हैं कि इस वर्ष सीता नवमी कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र क्या हैं.

By Shaurya Punj | April 10, 2025 1:53 PM

Sita Navami 2025: वैषाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है, जिसे जानकी नवमी या सीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन भगवान श्रीराम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. विशेष रूप से विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना के लिए व्रत करती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं.

सीता नवमी 2025: कब है यह पर्व?

  • नवमी तिथि शुरू: 5 मई 2025, सुबह 7:35 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त: 6 मई 2025, सुबह 8:38 बजे
  • उदय तिथि के अनुसार पर्व की तिथि: 5 मई, सोमवार
  • मध्यान्ह पूजा मुहूर्त: सुबह 11:14 बजे से दोपहर 1:52 बजे तक

जानकी नवमी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें
  • घर या मंदिर में मां सीता की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं
  • फल, फूल और मिठाई का भोग अर्पित करें
  • रामायण या सीता चरित्र कथा का पाठ करें
  • जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करना शुभ माना जाता है
  • व्रत रखने वाले दिनभर फलाहार या सात्विक भोजन करें

जानकी नवमी का महत्व

मां सीता को शुद्धता, संयम और समर्पण की प्रतीक माना जाता है. उनकी पूजा करने से जीवन में धैर्य, पवित्रता और कर्तव्य भावना आती है. उनका जीवन यह सिखाता है कि त्याग और सहनशीलता से भी धर्म की राह पर चलना संभव है. जो महिलाएं इस दिन सच्चे मन से पूजा करती हैं, उन्हें वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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