Sindoor Ritual: हिंदू विवाह में दुल्हन के सिंदूर नाक पर क्यों गिराया जाता है, क्या है इसका शुभ संदेश

Sindoor Ritual: हिंदू विवाह में सिंदूरदान सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण रस्मों में से एक है. दूल्हा दुल्हन की मांग तीन बार क्यों भरता है, इसके पीछे क्या धार्मिक, पौराणिक और आध्यात्मिक रहस्य छिपा है—यह जानना हर किसी के लिए रोचक है. आइए जानते हैं इस परंपरा का वास्तविक अर्थ.

By Shaurya Punj | November 24, 2025 1:16 PM

Sindoor Ritual: हिंदू विवाह 16 संस्कारों में एक बेहद पवित्र संस्कार माना जाता है. इस विवाह में कई रस्में निभाई जाती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है सिंदूरदान. विवाह के दौरान दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है, जो पति-पत्नी के रिश्ते की पहचान और सौभाग्य का प्रतीक है.

सिंदूर की प्राचीन मान्यता

धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मांग में सिंदूर भरने की परंपरा माता सीता के समय से चली आ रही है. सिंदूर विवाहित स्त्री के सौभाग्य, सुरक्षा और पति की लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है और आज भी इसे पत्नी का सबसे बड़ा शृंगार कहा जाता है.

पहली बार मांग भरने का संबंध माता लक्ष्मी से

विवाह के समय दूल्हा जब पहली बार दुल्हन की मांग भरता है तो इसका संबंध माता लक्ष्मी से माना जाता है. इसका अर्थ है कि दंपति के जीवन में धन-समृद्धि, खुशियां और सौभाग्य का आगमन होगा. यही कारण है कि पहली बार सिंदूरदान को विशेष महत्व दिया जाता है.

दूसरी बार सिंदूरदान का संबंध माता सरस्वती से

दूसरी बार मांग भरना ज्ञान और बुद्धि की देवी माता सरस्वती का आशीर्वाद माना जाता है. इससे विवाहित जीवन में संतुलन, समझदारी, मधुर संवाद और सम्मान बना रहता है. दंपति अपने जीवन में विवेकपूर्ण निर्णय ले पाता है.

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तीसरी बार मांग भरने से मिलता है माता पार्वती का आशीर्वाद

तीसरी बार सिंदूर भरना माता पार्वती का आशीर्वाद दर्शाता है. माता पार्वती रक्षा, शक्ति और स्थिरता का प्रतीक हैं. इसके अनुसार, यह सिंदूर दंपति को हर कठिनाई से बचाता है और रिश्ते में मजबूती लाता है.

विवाह में गिरने वाला सिंदूर होता है शुभ संकेत

मान्यता है कि शादी के समय सिंदूर का थोड़ा सा नाक पर गिरना शुभ माना जाता है. यह सौभाग्य, खुशियों और समृद्धि का संकेत माना जाता है. इसलिए विवाह के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है.

सालभर शादी वाला सिंदूर लगाने की परंपरा

शास्त्रों में कहा गया है कि विवाह में दूल्हा जो सिंदूर दुल्हन की मांग में भरता है, उसी सिंदूर का सालभर उपयोग करना शुभ और लाभकारी होता है. इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और मधुरता बढ़ती है.