Shani Sade Sati 2026: नया साल 5 राशियों के लिए कष्टकारी, मेष-कुंभ और मीन पर साढ़ेसाती की मार, सिंह-धनु की ढैय्या बढ़ाएगी मुश्किलें
Shani SadeSati 2026: नया साल 2026 में ग्रह-नक्षत्रों की चाल मेष, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए बड़ी महत्वपूर्ण रहने वाली है, आपकी राशि में शनि बैठा हुआ है और ये साढ़ेसाती के प्रभाव से गुजर रही है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में सबसे कष्टकारी चरण भी माना जाता है. आइए जानते हैं कि नए साल 2026 में मेष, कुंभ और मीन राशि के जातकों को कैसे परिणाम मिल सकते हैं.
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Shani Sade Sati 2026: साल 2026 में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव तीन राशियों पर जारी रहेगा. ज्योतिष के अनुसार शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर कर चुके हैं और 2028 तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे. मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो चुका है, और यह 2026 में भी जारी रहेगा. वहीं मीन राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है, जो 2026 में भी जारी रहेगा. साढ़ेसाती का दूसरा चरण सबसे प्रभावशाली और कष्टकारी चरण माना जाता है. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण जारी है, जो 2026 में भी रहेगा. साढ़ेसाती का तीसरा चरण समाप्ति की ओर होता है. शनि की साढ़ेसाती हर किसी पर एक-जैसा असर नहीं डालती है. यह चरण, नक्षत्र, जन्म राशि और व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर अलग-अलग प्रभाव डालती है. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु: से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपाय के बारे में-
Shani Sade Sati मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण तब शुरू होता है, जब शनि जन्म राशि से 12वें भाव में प्रवेश करते हैं. मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है, जो जीवन में आंतरिक बदलाव और तैयारी का समय माना जाता है. साल 2026 में मेष राशि वाले अनावश्यक चिंता करेंगे. मन में बेचैनी रहेगी. आत्मविश्वास में उतार-चढ़ाव रहेगा. काम में मन नहीं लगेगा. पुराने कर्ज या रुकी हुई जिम्मेदारियां सामने आ सकती हैं, जिससे खर्च अचानक बढ़ेगा. परिवार से दूरी या मतभेद हो सकता है. जीवनसाथी या करीबी लोगों से गलतफहमी के कारण रिश्ते में दरार हो सकता है.
मीन राशि वालों के लिए साल 2026 सबसे ज्यादा कष्टकारी रहेगा
मीन राशि वालों के लिए साल 2026 सबसे ज्यादा कष्टकारी रहेगा, क्योंकि आपकी राशि में शनि बैठा हुआ है और इस समय आप शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण से गुजर रहे हैं. वर्ष 2026 में भी यह चरण प्रभावी रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में साढ़ेसाती का दूसरे चरण को सबसे कष्टकारी चरण बताया गया है. इस दौरान मीन राशि वाले लोग अपने जीवन में बदलाव, स्थिरता-परिवर्तन जैसा अनुभव करेंगे, इन लोगों को स्वास्थ्य, पहचान और जिम्मेदारियों पर खास ध्यान रखना होगा. इसके साथ ही प्रेम, समझदारी और संवाद के जरिए आप अपने रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बना सकते हैं.
शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण कुंभ राशि वालों को करेगा प्रभावित
साल 2026 में शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण कुंभ राशि वालों को प्रभावित करेगा. कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण तब माना जाता है, जब शनिदेव जन्म राशि से दूसरे भाव में गोचर करते हैं. यह चरण कठिनाइयों के साथ-साथ परिणाम और राहत देने वाला होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह चरण पिछले संघर्षों के फल मिलने का समय होता है. इस दौरान व्यक्ति के जीवन में समस्याएं रहती हैं, लेकिन उनसे निपटने की क्षमता बढ़ जाती है. कुंभ राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण कठिनाइयों के साथ साथ राहत और स्थिरता देने वाला है.
कुंभ राशि वालों के लिए साल 2026 रहेगा बेहतर
कुंभ राशि वालों के लिए साल 2026 बेहतर रहेगा. कार्य में स्थिरता आएगी, लेकिन पहले की मेहनत का परिणाम मिलेगा. नौकरी में प्रमोशन या जिम्मेदारी बढ़ सकती है. व्यवसाय में लाभ होने के कारण आय में सुधार होगा. पुराने कर्ज उतरने के संकेत है. परिवार में जिम्मेदारियां बढ़ेंगी. माता-पिता या बुज़ुर्गों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा. वाणी में कठोरता से रिश्तों में तनाव आ सकता है. आत्मविश्वास में वृद्धि के साथ साथ निर्णय क्षमता मजबूत होगी. मानसिक बोझ धीरे-धीरे कम होगा. साल 2026 में दांत, गला, पेट या हड्डियों से जुड़ी परेशानी हो सकती है.
शनि साढ़ेसाती के प्रभाव से राहत पाने का सरल उपाय
- शनि देव की नियमित पूजा करें.
- शनिवार को शनि देव, पीपल या शनि मंदिर का दर्शन करें.
- शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल अर्पित करें.
- हनुमान चालीसा, शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें.
- प्रतिदिन या शनिवार को 108 बार जप करें.
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
शनिवार के विशेष उपाय
- पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- काले कुत्ते, कौवे या चींटियों को भोजन कराएं.
- लोहे, काले तिल, उड़द दाल, काले वस्त्र का दान करें.
शनि की ढैय्या का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि किसी राशि से चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं, तो उसे ढैय्या कहा जाता है. शनि की ढैय्या लगभग ढाई वर्ष तक रहती है. साल 2026 में शनि की ढैय्या का प्रभाव सिंह और धनु राशि पर रहेगा.
सिंह राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव
- मानसिक तनाव और जिम्मेदारियों में वृद्धि होगी.
- कार्यक्षेत्र में रुकावटें, मेहनत अधिक और फल देर से मिलेगा.
- पिता या वरिष्ठों से मतभेद की स्थिति बार बार बनती रहेगी.
- स्वास्थ्य में थकान, हड्डी या जोड़ों से जुड़ी समस्या बार बार आएगी.
धनु राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव
- आर्थिक दबाव या खर्चों में बढ़ोतरी होगी.
- किसी भी कार्य को लेकर निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति बनेगी.
- यात्रा या स्थान परिवर्तन के योग है.
- रिश्तों में दूरी या गलतफहमी की स्थिति पनपेगी.
शनि ढैय्या के उपाय
- शनिवार को शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें.
- शनि देव को सरसों का तेल, काले तिल अर्पित करें.
- जरूरतमंदों को काले वस्त्र या अन्न का दान करें.
- अनुशासन और सत्य का पालन करें.
चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु:
ज्योतिषाचार्य एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
Mo- +91 8620920581
