Shami Tree Puja: शनिवार को करें शमी वृक्ष पूजा, शनि दोष से मुक्ति का है सरल उपाय
Shami Tree: शमी के पेड़ की शनिवार को विशेष पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में इस पेड़ को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इसका संबंध भगवान शिव और भगवान शनिदेव से है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शमी के पेड़ की पूजा कैसे की जाती है और इसका धार्मिक महत्व.
Shami Tree: सनातन धर्म में शमी के पेड़ को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है. शमी वृक्ष को विजय, साहस और सफलता का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसकी पूजा करने से शनि ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में शांति और सुख-समृद्धि आती है. शनिवार, दशहरा और अमावस्या के दिन इस पेड़ की पूजा करना विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है.
शमी पेड़ से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
धार्मिक मान्यता है कि शमी के पेड़ में भगवान शिव और शनिदेव का वास होता है. इसलिए भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी वृक्ष की पूजा की थी. इसके अलावा महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भी इस पेड़ की पूजा की थी और अपने अस्त्र-शस्त्र इसमें छिपाए थे. बाद में विजयादशमी के दिन इन शस्त्रों को निकालकर युद्ध लड़ा और विजय प्राप्त की.
शनिवार को शमी पेड़ की पूजा और धार्मिक महत्व
माना जाता है कि शनिवार के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना और उसमें जल अर्पित करना शुभ होता है. इस दिन शमी वृक्ष के पास दीपक जलाना चाहिए. दीपक जलाने के लिए सरसों या तिल के तेल का उपयोग करें. इसके साथ ही ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इससे शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष का प्रभाव कम होता है.
शमी वृक्ष लगाने के नियम
यदि आप शमी के वृक्ष को घर में लगाना चाहती हैं, तो इसे हमेशा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं. पेड़ के आसपास हमेशा साफ-सफाई रखें. इसे कभी भी घर के अंदर न लगाएं. आप इसे घर के बाहर बगीचे में या गमले में लगा सकती हैं. सुबह के समय इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए.
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