Premanand ji Maharaj: गुटका–तंबाकू खाकर रामायण का पाठ करना सही है या पाप? जानें प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा
Premanand Maharaj: गुटका, तंबाकू या अन्य किसी नशीले पदार्थ का सेवन करने के बाद रामायण का पाठ करना सही होता है या नहीं. इसे लेकर कई लोगों के मन में सवाल रहता है. इन सवालों का जवाब देते हुए आइए जानते हैं कि प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा.
Premanand ji Maharaj: रामायण हिंदू धर्म का एक बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथ है. कहा जाता है कि इसके पाठ से मन को शांति मिलती है और सकारात्मकता बनी रहती है. लेकिन कई लोग गुटका और तंबाकू जैसे नशीले पदार्थ का सेवन करने के बाद रामायण का पाठ करते हैं. ऐसे में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से उनके वृंदावन स्थित राधा हित केली कुंज आश्रम में सवाल करते हुए पूछा कि क्या तंबाकू या गुटका खाने के बाद रामायण का पाठ करना सही है?
भक्त ने प्रेमानंद महाराज से क्या कहा?
भक्त ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि मैं रामायण का पाठ करता हूं और मेरे साथ कुछ और लोग हैं जो इसका पाठ करते हैं. लेकिन वे तंबाकू और गुटका खाते हैं. मैं उन्हें मना करता हूं कि ऐसा न करें, लेकिन वे मेरी बात नहीं मानते. उनका कहना है कि कहीं भी यह नहीं लिखा है कि तंबाकू और गुटका खाने के बाद रामायण का पाठ नहीं कर सकते. व्यक्ति महाराज से इसके बाद पूछता है कि क्या ऐसा करना सही है या गलत.
प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
व्यक्ति के इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ऐसा करना बिल्कुल गलत है. कभी भी गुटका, तंबाकू या किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन कर रामायण का पाठ नहीं करना चाहिए. यह बेहद गलत है. इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने एक उपाय बताते हुए कहा कि यदि व्यक्ति चाहे तो पान, जिसमें किसी भी तरह का नशीला पदार्थ न डाला गया हो वह खा सकता है. नशीली चीज़ों का सेवन कर इस पवित्र ग्रंथ का पाठ करना पूरी तरह निषिद्ध है.
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