Kharmas 2025: आज से खरमास शुरू, अगले 30 दिनों तक न करें ये काम, वरना जिंदगी भर पड़ सकता है पछताना
Kharmas 2025: खरमास को हिंदू धर्म में अशुभ समय माना गया है. इस दौरान कई कार्यों को करना वर्जित माना जाता है. ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सिंह के अनुसार, इस समय की गई गलतियाँ भविष्य में प्रभाव डाल सकती हैं. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि इस अवधि में किन-किन सावधानियों का पालन करना चाहिए.
Kharmas 2025: इस वर्ष खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2025 यानी आज से हो गई है. खरमास को मलमास और धनु संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास की शुरुआत हो जाती है. खरमास की इस 30 दिनों की अवधि में सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
खरमास वह समय होता है जब सूर्य देव की गति कम प्रभावशाली मानी जाती है. खरमास हिंदू पंचांग में एक विशेष अवधि है, जो वर्ष में दो बार आती है. ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सिंह के अनुसार, यह अवधि गुरु और शनि ग्रह की विशेष चाल के कारण धार्मिक और कर्मकांडी कार्यों के लिए संवेदनशील मानी जाती है. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना या निवेश करने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय लिए गए गलत निर्णय लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. इसलिए इस अवधि में संयम, सतर्कता और सावधानी सबसे अधिक आवश्यक है.
धार्मिक कार्यों में सावधानी
ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सिंह के अनुसार, खरमास के दौरान पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान करते समय नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. बिना तैयारी या उचित समय के पूजा करना या मंत्रोच्चारण करना अशुभ माना जाता है. इस दौरान मंदिरों में भी अनावश्यक गतिविधियों या अत्यधिक भीड़ से बचना चाहिए. धार्मिक कर्म केवल आध्यात्मिक उद्देश्य से करना ही लाभकारी माना जाता है. घर में पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और ध्यान, जप या छोटे व्रत करने पर जोर दें.
नए व्यवसाय और निवेश से बचें
खरमास के समय नए व्यापार, निवेश या संपत्ति की खरीद-बिक्री को अशुभ माना गया है. इस अवधि में शुरू किया गया व्यवसाय लाभ के बजाय नुकसान का कारण बन सकता है. पुराने कार्यों को पूरा करना या भविष्य की योजनाएँ बनाना उचित रहता है, लेकिन किसी नए कार्य की शुरुआत टालनी चाहिए. आर्थिक मामलों में जल्दबाजी या किसी पर अंधा भरोसा करने से बचें. इस समय संयम और धैर्य सबसे बड़ी आवश्यकता होती है.
सामाजिक और पारिवारिक मामलों में सावधानी
खरमास के दौरान सामाजिक विवाद या बड़े पारिवारिक निर्णय लेने से बचना चाहिए. बहस, झगड़ा या क्रोध व्यक्त करना लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. पारिवारिक मामलों में समझदारी और संयम बनाए रखें. रिश्तों को मजबूत करने के लिए संवाद, प्रेम और सहयोग पर ध्यान दें. इस अवधि में किसी भी अनावश्यक विवाद में शामिल न हों.
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
खरमास के दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. अधिक थकावट, गलत खानपान और मानसिक तनाव से बीमारियों की संभावना बढ़ सकती है. दिनचर्या को संतुलित रखें और हल्का, सात्विक भोजन करें. अत्यधिक व्यायाम या जोखिम भरे कार्यों से बचें. मानसिक शांति के लिए ध्यान, प्राणायाम और हल्का योग लाभकारी सिद्ध होता है.
पूर्व निर्धारित दान और पुण्य कार्य
खरमास में नए दान या बड़े धार्मिक अनुष्ठानों से बचना चाहिए, लेकिन पहले से चल रहे व्रत, दान और पुण्य कार्य अवश्य जारी रखें. जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या अन्य सहायता देने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. संयमित दान और सत्कर्मों से इस अवधि का अशुभ प्रभाव कम किया जा सकता है. इसे आत्मचिंतन और आध्यात्मिक उन्नति का समय माना जाता है.
सावधानी और मन की स्थिति
खरमास के 30 दिनों में मन और भावनाओं पर नियंत्रण रखना बेहद आवश्यक होता है. क्रोध, लालच, झूठ और अनैतिक कार्यों से दूर रहें. इस अवधि में संयम, धैर्य और आध्यात्मिक सोच ही जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है. मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखें. ध्यान रखें कि इस समय किया गया कोई भी गलत कार्य लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है. संयम और जागरूकता के साथ इस अवधि का सही उपयोग किया जा सकता है.
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