Paush Sankashti Chaturthi 2025: 7 या 8 दिसंबर 2025 पौष संकष्टी चतुर्थी कब? यहां से जानें सही डेट

Paush Sankashti Chaturthi 2025: पौष संकष्टी चतुर्थी 2025 की सही तारीख को लेकर कई लोग भ्रमित हैं कि व्रत 7 दिसंबर को रखा जाए या 8 दिसंबर को. पंचांग गणना के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरुआत और चंद्रोदय समय के आधार पर ही व्रत का निर्णय होता है. यहां जानें सही और शास्त्रसम्मत तिथि.

By Shaurya Punj | December 6, 2025 8:01 AM

Paush Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार का अपना अलग आध्यात्मिक महत्व होता है. इन्हीं में से एक है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, जिसे कष्टों से मुक्ति देने वाला व्रत माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है.

अखुरथ संकष्टी 2025: तिथि और चंद्रोदय समय

  • चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 7 दिसंबर 2025, शाम 06:24 बजे
  • चतुर्थी तिथि का अंत: 8 दिसंबर 2025, शाम 04:03 बजे
  • व्रत की तिथि: 7 दिसंबर 2025, रविवार
  • चंद्रोदय समय: शाम 7:55 बजे
  • इस दिन चंद्रोदय के बाद गणेश जी की आरती और दर्शन करने का विशेष महत्व होता है.

कैसे करें संकष्टी चतुर्थी की पूजा?

  • सबसे पहले एक साफ चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
  • उन्हें वस्त्र पहनाएं और तिलक लगाएं.
  • गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं—यह उनकी प्रिय मानी जाती है.
  • घी का दीपक जलाएं और पुष्प माला अर्पित करें.
  • मोदक या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं.
  • गणेश चालीसा और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें.
  • अंत में आरती करें और प्रार्थना के साथ व्रत पूर्ण करें.

क्यों मनाई जाती है संकष्टी चतुर्थी?

‘संकष्टी’ शब्द का अर्थ है संकटों का नाश करने वाली चतुर्थी. शास्त्रों में बताया गया है कि इस व्रत को करने से जीवन में आ रहे कष्ट दूर होते हैं. खासतौर पर माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं.

ये भी पढ़ें: पौष संकष्टी चतुर्थी कब है? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है. गणेश जी बुद्धि, विवेक और सौभाग्य के देवता हैं. कहा जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर—

  • कष्ट दूर होते हैं
  • धन-विद्या की प्राप्ति होती है
  • मनोबल और निर्णय शक्ति बढ़ती है
  • मनचाही कामना पूर्ण होती है
  • धार्मिक मान्यताओं में संकष्टी चतुर्थी को जीवन की समस्याओं का समाधान देने वाला चमत्कारी व्रत माना गया है.