Narasimha Jayanti 2025: नरसिंह जयंती पर करें ये खास पूजा और उपाय, मिलेगा शुभ फल

Narasimha Jayanti 2025: हिंदू धर्म में नरसिंह जयंती का अत्यधिक महत्व है. इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और भगवान नरसिंह की आराधना करते हैं. नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के अनुयायियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में नरसिंह जयंती कब मनाई जाएगी और इस दिन पूजा की प्रक्रिया क्या होगी.

By Shaurya Punj | May 6, 2025 3:20 PM

Narasimha Jayanti 2025: जब भी अधर्म का प्रकोप बढ़ता है और भक्त संकट में होता है, तब भगवान स्वयं किसी न किसी रूप में प्रकट होकर संसार में आते हैं. नरसिंह जयंती एक ऐसी महान कथा की याद दिलाती है, जब भगवान विष्णु ने आधा मानव और आधा सिंह का रूप धारण कर अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप जैसे राक्षस का वध किया था. इस दिन को भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के प्रकट होने के रूप में मनाया जाता है. यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के अटूट संबंध की विजय का प्रतीक है.

नरसिंह जयंती 2025: तिथि और पूजा का समय

  • जयंती की तिथि शुरू: 10 मई 2025, शाम 5:29 बजे
  • तिथि समाप्त: 11 मई 2025, रात 8:01 बजे
  • पूजा का शुभ समय (सायन काल): 11 मई, रविवार को शाम 4:21 से 7:03 बजे तक

नरसिंह अवतार क्यों लिया भगवान विष्णु ने?

प्रह्लाद, जो हिरण्यकश्यप का पुत्र था, एक महान विष्णु भक्त था. लेकिन उसके पिता ने स्वयं को भगवान मान लिया था और विष्णु की पूजा का विरोध किया. जब उसने प्रह्लाद को मारने के लिए हर संभव प्रयास किया और भगवान को चुनौती दी कि ‘यदि आपका भगवान हर जगह है, तो क्या वह इस खंभे में भी है?’ तब भगवान विष्णु खंभे से प्रकट हुए और आधे सिंह तथा आधे मनुष्य के रूप में हिरण्यकश्यप का वध किया. यह अवतार ‘दशावतारों’ में चौथे स्थान पर आता है और इसे संरक्षण, शक्ति और धर्म की रक्षा का प्रतीक माना जाता है.

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नरसिंह जयंती व्रत और पूजा विधि

इस दिन व्रत और पूजा की प्रक्रिया लगभग एकादशी व्रत के जैसी ही होती है. मुख्य पूजा शाम को की जाती है

घर पर पूजा कैसे करें

  • घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को साफ करके वहां एक लकड़ी का पट्टा रखें.
  • उस पर लाल, सफेद या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान नरसिंह व लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें.
  • पूजा सामग्री में पंचामृत, फल, फूल, नारियल, सूखे मेवे, चंदन, केसर, हल्दी, अक्षत (चावल), पीला कपड़ा शामिल करें
  • घी का दीपक जलाएं और मंत्र जाप करें
  • “ॐ नरसिंहाय वरप्रदाय नमः”

क्या दान करें?

गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए छाछ, शरबत, पंखे या ठंडी चीजें जरूरतमंदों को दान करें.

नरसिंह जयंती के लाभ

  • नकारात्मक ऊर्जा, काला जादू, भूत-प्रेत बाधाएं, कोर्ट-कचहरी के मामलों और – बीमारियों से रक्षा
  • आत्मबल और साहस में वृद्धि
  • घर से बुरी शक्तियों का नाश
  • मन की शांति और आत्मिक उन्नति
  • दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की शक्ति
  • भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की प्रगति के लिए अत्यंत फलदायक

पद्म पुराण के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से भगवान नरसिंह की आराधना करते हैं, उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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