Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें मनोकामना पूरी करने वाले मंत्र का जप
Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु की विशेष आराधना के लिए शुभ माना जाता है. इस पवित्र तिथि पर किए गए मंत्र जप से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. श्रद्धा और नियमपूर्वक मंत्र जप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष या अगहन पूर्णिमा हिंदू धर्म में बेहद शुभ और पुण्यदायी मानी जाती है. इस दिन किए गए स्नान, पूजा और दान से न केवल पापों का क्षय होता है, बल्कि व्यक्ति को मनचाहे फल भी प्राप्त होते हैं. माना जाता है कि यह पूर्णिमा दिन धार्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है और भगवान विष्णु, चंद्रदेव तथा मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है. यहां जानिए ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इस दिन किए जाने वाले प्रमुख उपाय और उनके फायदे.
गंगा स्नान का महत्व: दूर होते हैं सभी दोष
अगहन पूर्णिमा पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान बेहद शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप मिटते हैं और व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर कोई गंगा तट या किसी तीर्थ स्थल तक नहीं जा पाता, तो घर पर स्नान के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी उतना ही फलदायी माना गया है.
भगवान विष्णु की पूजा: मिलता है पूरे महीने का फल
मार्गशीर्ष महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस पूर्णिमा पर उनकी पूजा का विशेष महत्व है. यदि किसी कारण आप पूरे महीने पूजा नहीं कर पाए हों, तो इस दिन विधि-विधान से श्री हरि की आराधना करके पूरे महीने का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है. इस दिन व्रत रखकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद लाभकारी माना जाता है. कहा जाता है कि इससे साधक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में शुभता बढ़ती है.
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चंद्रदेव की पूजा: मन को मिलता है संतुलन
पूर्णिमा तिथि चंद्रदेव से जुड़ी होती है, इसलिए इस दिन उनका विशेष पूजन किया जाता है. कहा जाता है कि चंद्रदेव की कृपा से मन शांत रहता है, निर्णय क्षमता बढ़ती है और मानसिक तनाव दूर होता है. चंद्रोदय के समय दूध, जल और पुष्प से अर्घ्य देने और चंद्रदेव को खीर का भोग लगाने से विशेष लाभ मिलता है.
मां लक्ष्मी की कृपा पाने का उपाय
धन और समृद्धि की कामना करने वालों के लिए अगहन पूर्णिमा बेहद खास मानी जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी को कमल का फूल, कमलगट्टा, पीली कौड़ी और गोमती चक्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है. शुद्ध घी का दीपक जलाकर श्रीसूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में धन-वैभव का वास होता है.
मनोकामना पूरी करने वाला मंत्र जप
भगवान विष्णु की पूजन में “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” या “ऊं नमो नारायणाय” मंत्र का जप करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. तुलसी या चंदन की माला से श्रद्धापूर्वक जप करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के ये उपाय न सिर्फ जीवन में सकारात्मकता लाते हैं, बल्कि मन को शांत और आत्मा को पवित्र करने में भी मदद करते हैं.
कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा
पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर की सुबह 08:37 बजे शुरू होकर 5 दिसंबर की सुबह 04:43 बजे खत्म होगी. हालांकि उदया तिथि इस बार उपलब्ध नहीं है, इसलिए चंद्रोदय का महत्व बढ़ जाता है. क्योंकि पूर्णिमा के चंद्रमा को अर्घ्य इसी समय दिया जाता है. 4 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय होने के कारण यही दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा माना जाएगा. इसी दिन व्रत, गंगा स्नान, दान और लक्ष्मी तथा सत्यनारायण भगवान की पूजा करना शुभ माना जाता है.
