Karwa Chauth Arghya Mantra: करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए? जानें इसका महत्व और विधि
Karwa Chauth Arghya: करवा चौथ का पावन पर्व चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना अधूरा माना जाता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए और अर्घ्य देते समय क्या करना चाहिए.
Karwa Chauth Arghya: हिंदू धर्म में करवा चौथ का त्योहार बहुत ही खास महत्व रखता है. इस पर्व को आमतौर पर महिलाएं शादी के बाद अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए करती हैं. माना जाता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.
इस पर्व में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए व्रत अधूरा माना जाता है. इसलिए जरूरी है कि पूरे विधि-विधान के साथ चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाए और अर्घ्य देते समय विशेष मंत्रों, शब्दों और मन की इच्छाओं का उच्चारण किया जाए. ऐसा करने से माता करवा का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य कैसे दें?
- शाम के समय माता करवा की पूजा-विधि पूरी करें.
- इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें.
- जब पूजा पूरी हो जाए, तो घर की छत या आंगन में पूजा की थाली लेकर आएं.
- थाली में जल से भरा लोटा, करवा, छलनी, अक्षत, मिठाई, फूल, दीपक और बाती रखें.
- चांद निकलने के बाद सबसे पहले उसकी आरती करें.
- फिर छलनी में जलता हुआ दीपक रखकर चंद्र दर्शन करें.
- चंद्रमा को देखते हुए ऊपर दिए गए मंत्रों का जाप करें और मन ही मन पति की लंबी उम्र की कामना करें.
- इसके बाद चांद को जल अर्पित करें. अर्घ्य के लिए उपयोग किए जा रहे जल में चांदी का सिक्का और अक्षत अवश्य डालें.
- फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखें और पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें. करवा चौथ पर चंद्रमा को कैसे दें अर्घ्य
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए?
करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते समय चंद्रमा मंत्र और चंद्र स्तुति का जाप करना चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं, इससे दांपत्य जीवन में शांति और स्थिरता आती है.
चंद्रमा मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः
चंद्र स्तुति
ऊँ दधि-शंख-तुषाराभं क्षीरोदार्णव-सम्भवम्।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट-भूषणम्॥
इसके साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पति का नाम लेकर माता करवा से पति की दीर्घ आयु के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. इसके अलावा दांपत्य जीवन में स्थिरता और सभी प्रकार के रोग-दुख दूर होने की कामना करनी चाहिए.
करवा चौथ 2025 में चांद निकलने का समय क्या है?
करवा चौथ का पर्व 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा रात्रि 8 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा.
चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व क्या है?
हिंदू धर्म में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है.मान्यता है कि ऐसा करने से मन को शांति मिलती है,नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है,चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है,दांपत्य जीवन में तनाव दूर होकर खुशहाली आती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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