Karwa Chauth 2025 Moon Time in Jharkhand: आज है करवा चौथ, जानें झारखंड के शहरों में चांद दिखने का समय

Karwa Chauth 2025 Moon Time in Jharkhand: आज करवा चौथ 2025 झारखंड में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. जानें रांची, जमशेदपुर, देवघर और हजारीबाग में चंद्रमा कब दिखाई देगा.

By Shaurya Punj | October 10, 2025 4:55 PM

Karwa Chauth 2025 Moon Time in Jharkhand: करवा चौथ हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और वैवाहिक सुख की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. रात में चंद्रमा का दर्शन और उसे अर्घ्य देना व्रत के पूर्ण होने के लिए अनिवार्य माना जाता है.

झारखंड में उत्साहपूर्वक मनाया जाने वाला पर्व

झारखंड में भी करवा चौथ का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. चंद्रमा का उदय प्रत्येक शहर में अलग समय पर होता है. राजधानी रांची में करवा चौथ 2025 में चंद्रमा रात 7:20 बजे दिखाई देगा, और इसके तुरंत बाद महिलाएं अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी.

प्रमुख शहरों में चंद्रमा उदय का समय

जमशेदपुर में चंद्रमा रात , देवघर में रात 7:22 बजे, और हजारीबाग में रात 7:28 बजे उदय होगा. इसलिए व्रती महिलाओं को अपने-अपने शहर के अनुसार समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि व्रत सही समय पर पूर्ण हो सके.

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झारखंड के प्रमुख शहरों में 10 अक्टूबर 2025 के करवा चौथ के दिन कब होगा चंद्रोदय

  • रांची – 7:56 PM
  • जमशेदपुर – 7:52 PM
  • धनबाद – 7:14 PM
  • बोकारो स्टील सिटी – 7:28 PM
  • हजारीबाग – 7:28 PM
  • गिरिडीह –7:59 AM
  • देवघर – 7:45 PM
  • रामगढ़ – 7:00 PM

सरगी और दिनभर व्रत की तैयारी

इस दिन सुबह सरगी खाई जाती है, जिसमें फल, मिठाई और सुखा मेवा शामिल होता है. दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद महिलाएं शाम को पूजा और सजावट के लिए तैयार होती हैं. चंद्रमा दिखाई देने पर महिलाएं जल से अर्घ्य देती हैं और व्रत खोलती हैं. इस अवसर पर परिवार और प्रियजन भी मिलकर प्रसाद बांटते हैं और खुशियां मनाते हैं.

धार्मिक मान्यता और शुभ लाभ

धार्मिक मान्यता है कि यदि व्रती महिला चंद्रमा को देखकर अर्घ्य देती हैं और पति का स्मरण करती हैं, तो उनके वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और पति की लंबी उम्र आती है. इसलिए झारखंड के सभी प्रमुख शहरों में समयानुसार चंद्रमा देखकर अर्घ्य देना बेहद आवश्यक है.

करवा चौथ का व्रत कब खोला जाता है?

जब चंद्रमा आकाश में दिखाई देता है, तब महिलाएं जल से अर्घ्य देती हैं और पति का दर्शन कर व्रत पारण करती हैं. चांद दिखने से पहले व्रत नहीं तोड़ना चाहिए.

सरगी क्या होती है और इसे कब खाया जाता है?

सरगी सूर्योदय से पहले खाई जाती है. इसमें फल, मिठाई, सूखे मेवे और हल्का भोजन शामिल होता है, जिससे दिनभर निर्जला व्रत रखने की शक्ति मिलती है.

करवा चौथ के दिन पूजा कब करनी चाहिए?

शाम के समय चंद्रमा निकलने से पहले करवा माता की पूजा की जाती है. महिलाएं थाली सजाकर दीपक, मिठाई और करवा से पूजन करती हैं.

अगर बादलों की वजह से चांद न दिखे तो क्या करें?

अगर चांद बादलों में छिप जाए, तो महिलाएं उसकी दिशा में देखकर या मन से चंद्रदेव का ध्यान करते हुए अर्घ्य दे सकती हैं और व्रत खोल सकती हैं.