Inauspicious Flowers in Worship: इन फूलों से भगवान हो सकते हैं नाराज, पूजा में न करें इस्तेमाल

Inauspicious Flowers in Worship: हिंदू धर्म में फूलों का पूजा में विशेष महत्व होता है, लेकिन सभी फूल शुभ नहीं माने जाते. कुछ फूल ऐसे भी हैं जिन्हें देवी-देवताओं को चढ़ाना वर्जित है. धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में इन फूलों का उल्लेख अशुभ फल देने वाले के रूप में किया गया है.

By Shaurya Punj | August 5, 2025 10:47 AM

Inauspicious flowers in worship: हिंदू धर्म में माना जाता है कि पूजा-अर्चना में प्रयोग होने वाले प्रत्येक फूल का विशेष महत्व होता है, लेकिन कुछ फूल ऐसे भी हैं जिन्हें भगवान को अर्पित करना अशुभ माना गया है. धार्मिक ग्रंथों, पुराणों और लोक मान्यताओं के अनुसार, इन फूलों के प्रयोग से देवता अप्रसन्न हो सकते हैं.

जानें कौन-से फूल भगवान को नहीं चढ़ाने चाहिए:

केतकी का फूल (Ketaki Flower)

शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि भगवान शिव को केतकी का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए. कथा के अनुसार, एक बार केतकी के फूल ने असत्य का साथ दिया, जिससे भगवान शिव नाराज हुए और इसे अपनी पूजा से सदा के लिए वर्जित कर दिया.

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चंपा का फूल (Champaka)

पद्म पुराण के अनुसार, विष्णु भगवान की पूजा में चंपा का फूल निषिद्ध है. कथा में बताया गया है कि इस फूल ने भगवान विष्णु के चरणों का स्पर्श होने के बावजूद झूठ कहा, जिसके कारण इसे पूजा से बाहर कर दिया गया.

तुलसी के बिना फूल अर्पण

भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को किसी भी फूल के साथ तुलसी पत्र अर्पित करना अनिवार्य है. केवल फूल अर्पित करना अपूर्ण माना जाता है और पूजा का फल अधूरा रह जाता है.

मुरझाए या टूटे हुए फूल

देवताओं को कभी भी मुरझाए, गिरे हुए या टूटे फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. ऐसे फूल अशुद्ध माने जाते हैं और इससे पूजा का प्रभाव कम हो जाता है.

गंधहीन या दूषित फूल

जो फूल सुगंध रहित हों, कीड़ों से खाए गए हों या दूषित हों, उन्हें पूजा में प्रयोग नहीं करना चाहिए.

शास्त्रीय दृष्टिकोण

गरुड़ पुराण और पद्म पुराण में वर्णन है कि देवताओं को केवल ताजे, सुगंधित और पवित्र फूल ही अर्पित करने चाहिए. वर्जित फूल चढ़ाने से पूजा का फल कम हो जाता है और देवता नाराज हो सकते हैं.