हनुमान जी की कृपा चाहिए तो मंगलवार को न करें ये गलती
Hanuman Ji Puja Niyam: मंगलवार का दिन हनुमान जी और मंगल देवता के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है. इस दिन व्रत करने और हनुमान जी की आराधना करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. इसके अतिरिक्त, इस दिन व्रत रखने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति भी सुदृढ़ होती है. मंगलवार के व्रत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. इस दिन यदि अनजाने में कोई गलती हो जाए, तो बजरंगबली आपसे नाराज हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन किन चीजों से बचना चाहिए और हनुमान जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए.
Hanuman Ji Puja Niyam: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी के लिए विशेष रूप से समर्पित है. इस दिन भक्तजन बजरंगबली की पूजा और अर्चना करते हैं. भक्त व्रत रखते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और संकटमोचन से कृपा की प्रार्थना करते हैं. हालांकि, कई बार पूजा के दौरान लोग अनजाने में कुछ गलतियां कर देते हैं, जो पूजा के फल को प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए, हनुमान जी की पूजा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
तामसिक भोजन से बचें
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने वाले व्यक्तियों को तामसिक भोजन, जैसे मांस, मछली, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. हनुमान जी ब्रह्मचारी और सात्विक स्वभाव के देवता हैं, इसलिए पूजा से पूर्व शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए.
शुद्धता का ध्यान रखें
हनुमान जी की पूजा के लिए शारीरिक और मानसिक शुद्धता का होना अत्यंत आवश्यक है. बिना स्नान किए पूजा करना या पूजा स्थल को गंदा रखना अशुभ माना जाता है. पूजा से पूर्व स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मन को शांत रखें.
हर मंगलवार को पढ़ें हनुमान चालीसा का पाठ
तुलसी पत्र न चढ़ाएं
हनुमान जी को तुलसी पत्र अर्पित नहीं करना चाहिए. यह पत्र विष्णु और उनके अवतारों के लिए होता है, जबकि हनुमान जी को चंपा फूल, गुड़, सिंदूर और लाल वस्त्र प्रिय हैं. इसलिए, तुलसी की बजाय सिंदूर और चोला अर्पित करना अधिक शुभ माना जाता है.
भक्ति में गर्व का स्थान नहीं
कई व्यक्ति पूजा करते समय केवल दिखावे या दूसरों को प्रभावित करने के लिए ऐसा करते हैं. हनुमान जी को सच्ची भक्ति और विनम्रता अत्यंत प्रिय हैं. पूजा के दौरान मन में गर्व या दिखावे की भावना नहीं होनी चाहिए.
रात में हनुमान चालीसा का पाठ सावधानीपूर्वक करें
हालांकि हनुमान चालीसा का पाठ दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन रात के समय इसे कुछ विशेष नियमों के अनुसार करना चाहिए. रात में इसे ऊंचे स्वर में नहीं पढ़ना चाहिए और शांत स्थान पर ध्यान केंद्रित करके पाठ करना चाहिए.
