Graho ki Dasha 2021: इंसान के जीवन में घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं ये ग्रह, जानें बुरी दशा कम करने का उपाय…

Graho ki Dasha 2021: हिंदू धर्म में ग्रहों का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि ग्रहों के चाल के अनुसार इंसान के जीवन में दुख-सुख आता है. क्योंकि इंसान के जीवन में अच्छी और बुरी घटनाओं का जिम्मेदार ग्रह ही होते है. ज्योतिषविदों का मानना है कि अगर कुंडली में किसी ग्रह की दशा खराब चल रही है तो इंसान के सिर पर भारी संकट मंडराने लगते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2021 10:40 AM

Graho ki Dasha 2021: हिंदू धर्म में ग्रहों का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि ग्रहों के चाल के अनुसार इंसान के जीवन में दुख-सुख आता है. क्योंकि इंसान के जीवन में अच्छी और बुरी घटनाओं का जिम्मेदार ग्रह ही होते है. ज्योतिषविदों का मानना है कि अगर कुंडली में किसी ग्रह की दशा खराब चल रही है तो इंसान के सिर पर भारी संकट मंडराने लगते हैं. सूर्य से लेकर मंगल और शनि जैसे ग्रहों की खराब दशा इंसान के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं. आइए जानते है ग्रहों की बुरी दशा का असर और उपाय…

सूर्य ग्रह की दशा- सूर्य देव की बुरी दशा के कारण ह्रदय रोग, नेत्र रोग तथा अपयश की संभावना होती है. इसके निवारण के लिए सूर्य को नियमित जल अर्पित करें, ज्यादा से ज्यादा सूर्य मन्त्र “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जप करें.

चंद्र ग्रह- अगर चंद्र देव की बुरी दशा आपके जीवन पर भरी पड़ती है. चंद्र देव की बुरी दशा में अपमृत्यु, ह्रदय और मन की समस्या हो जाती है, इसके निवारण के लिए पूर्णिमा को चन्द्रमा की उपासना करें, साथ ही इस समय शिव जी की पूजा करें.

मंगल ग्रह- मंगल ग्रह की बुरी दशा के कारण दुर्घटना, शल्य चिकित्सा और कारावास के योग बनते हैं. इसके निवारण के लिए वृषभ दान और निर्धन भोजन अचूक है, साथ ही नियमित रूप से कुमार कार्तिकेय की पूजा करें.

बुध ग्रह- यदि बुध ग्रह की बुरी दशा चल रही हो तो इसमें आर्थिक क्षति, मानसिक रोग तथा त्वचा की समस्या होती है, इसके निवारण के लिए तुलसी पत्र से श्रीहरि का पूजन करें, साथ ही नियमित विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.! समस्त ग्रह दोषों को समाप्त करने के लिए नवग्रह की पूजन करें.

गुरु ग्रह- बृहस्पति की बुरी दशा हो तो इस दशा में असाध्य रोग तथा बड़ी बीमारियां होती हैं, इसके निवारण के लिए धर्मस्थान में दान अनुकूल होता है, साथ ही गुरु रूप में शिव जी का पूजन करना चाहिए.

शुक्र ग्रह- शुक्र ग्रह की बुरी दशा हो तो इस दशा में अपमान, अपयश तथा नेत्र विकार के योग होते हैं, इसके लिए शिव जी की पूजा माता गौरी के साथ करना चाहिए, साथ ही नियमित रूप से शिव-दुर्गा पूजन करना चाहिए.

शनि देव- शनि देव की बुरी दशा के कारण अपमृत्यु, दुर्घटना और लम्बी बीमारियों के योग बनते हैं, इसके लिए स्वर्ण दान और पीपल पर दीपदान करना चाहिए, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करना चाहिए.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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