Chhath Puja 2025 Sunset Time: अस्ताचलगामी सूर्य को आज इस समय अर्घ्य, जानें रांची, दिल्ली, नोएडा, वाराणसी, लखनऊ, भोपाल, मुंबई में आज के सूर्यास्त का समय
Chhath Puja 2025 Sunset Arag Time of Bihar: आज छठ महापर्व पर व्रती संध्या के समय अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. घाटों पर पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और श्रद्धालु सूर्यदेव की उपासना के लिए तत्पर हैं. जानिए, आज दिल्ली, नोएडा, वाराणसी, लखनऊ, भोपाल और मुंबई में सूर्यास्त का समय क्या है.
Chhath Puja 2025 Sunset Time: आज 27 अक्टूबर पूरे देश में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व माना गया है. यह चार दिनों तक चलने वाला व्रत है, जिसमें तीसरे दिन का अत्यधिक महत्व होता है. इस दिन व्रती संध्या के समय घाटों पर एकत्र होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं और छठी मैया की पूजा करते हैं. डूबते सूर्य की उपासना के इस पावन अवसर पर आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है. आइए जानें, देश के प्रमुख शहरों में आज सूर्यास्त और अर्घ्य देने का समय क्या है.
Suryast Time Today: देश के प्रमुख शहरों में आज सूर्यास्त का समय
- दिल्ली- शाम 05 बजकर 40 मिनट पर
- नोएडा- शाम 05 बजकर 40 मिनट पर
- पटना- शाम 05 बजकर 11 मिनट पर
- भोपाल- शाम 05 बजकर 45 मिनट पर
- लखनऊ- शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
- गोरखपुर- शाम 05 बजकर 18 मिनट पर
- वाराणसी- शाम 05 बजकर 21 मिनट पर
- आगरा- शाम 05 बजकर 18 मिनट पर
- गाजियाबाद- शाम 05 बजकर 39 मिनट पर
- मुंबई- शाम 06 बजकर 08 मिनट पर
- मेरठ- शाम 05 बजकर 37 मिनट पर
- रांची- शाम 05 बजकर 13 मिनट पर
- बेंगलुरु- शाम 05 बजकर 55 मिनट पर
- प्रयागराज- शाम 05 बजकर 25 मिनट पर
- देवघर- शाम 05 बजकर 06 मिनट पर
छठी मैया और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व
छठ पूजा भगवान सूर्य देव और छठी मईया को समर्पित एक पवित्र पर्व है, जो चार दिनों तक बड़े श्रद्धाभाव से मनाया जाता है. यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं. छठ का तीसरा दिन विशेष महत्व रखता है, जब व्रती निर्जला उपवास रखकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. यह एकमात्र पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है. इसके बाद अगले दिन प्रातःकाल उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है, जिससे यह पर्व पूर्ण होता है.
