Chhath Puja 2025 Arag Importance: आज छठ महापर्व का तीसरा दिन, क्यों दिया जाता है डूबते सूर्य को अर्घ्य

Chhath Puja 2025 Arag Importance: चार दिन चलने वाला छठ पर्व पूरी तरह छठी मैया और सूर्य देव की पूजा को समर्पित होता है. नहाय-खाय के साथ इस आस्था भरे महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. आज यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी. आइए जानते हैं, आखिर छठ में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा क्यों निभाई जाती है?

By Shaurya Punj | October 27, 2025 11:07 AM

Chhath Puja 2025 Arag Importance: चार दिन चलने वाला छठ पर्व पूरी तरह छठी मैया और सूर्य देव की पूजा को समर्पित होता है. नहाय-खाय के साथ इस आस्था भरे महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. आज यानी कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी. आइए जानते हैं, आखिर छठ में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा क्यों निभाई जाती है?

जानें डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय

आज 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. शाम 5:40 बजे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और अगले दिन 28 अक्टूबर को सुबह 6:30 बजे उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन होगा. इस दिन श्रद्धा, संयम और आस्था से किया गया व्रत हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला माना गया है.

क्यों दिया जाता है डूबते सूर्य को अर्घ्य?

छठ पर्व सूर्य उपासना का सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक रूप है. हिंदू धर्म में सूर्य को आरोग्य और जीवन का देवता माना गया है. छठ पर्व में न केवल उगते बल्कि डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है, जो इसे अन्य सभी पर्वों से अलग बनाता है.

मान्यता है कि छठ देवी, सूर्य देव की बहन हैं. इसलिए इस पर्व पर सूर्य की पूजा करके छठ माई को प्रसन्न किया जाता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति पूरे मन से सूर्य देव की आराधना करता है, उसके जीवन से रोग, दुःख और बाधाएं दूर हो जाती हैं.

पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है, जिससे प्रत्यूषा देवी भी प्रसन्न होती हैं. ऐसा करने से व्रती को दोगुना पुण्य मिलता है — एक अस्त होते सूर्य की पूजा से और दूसरा उगते सूर्य की आराधना से.