Bhimashankar Jyotirlinga Temple: धार्मिक यात्री ध्यान दें, भीमाशंकर मंदिर 1 जनवरी से रहेगा बंद, दर्शन से पहले यह जान लें जरूरी अपडेट

Bhimashankar Jyotirlinga Temple: देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. नए साल 2026 से पहले मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. दर्शन की योजना बना रहे भक्तों को यह जानकारी जरूर जाननी चाहिए.

By Shaurya Punj | December 25, 2025 8:41 AM

Bhimashankar Jyotirlinga Temple: देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है. अगर आप नए साल 2026 की शुरुआत भगवान शिव के दर्शन के साथ करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. मंदिर प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए भीमाशंकर मंदिर को आगामी तीन महीनों के लिए पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है.

धार्मिक नहीं, विकास कार्य है बंदी की वजह

मंदिर बंद होने का कारण किसी धार्मिक अनुष्ठान या परंपरा से जुड़ा नहीं है. प्रशासन के अनुसार, यह फैसला विकास और नवीनीकरण योजना (Development Plan) के तहत लिया गया है. मंदिर के मुख्य सभा मंडप में बड़े स्तर पर निर्माण और संरचनात्मक सुधार किया जाना है. चूंकि यह कार्य मंदिर परिसर के भीतर होगा, इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रवेश अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है.

8 दिनों में होगा अंतिम निरीक्षण, फिर शुरू होगा निर्माण कार्य

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, अगले आठ दिनों में तकनीकी और सुरक्षा से जुड़ा अंतिम निरीक्षण किया जाएगा. इसके बाद निर्माण कार्य का विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा. भारी भीड़ के बीच किसी भी प्रकार की दुर्घटना या चोट की आशंका को रोकने के लिए यह निर्णय एहतियातन लिया गया है.

1 जनवरी से मार्च 2026 तक पूरी तरह बंद रहेंगे दर्शन

मंदिर प्रशासन ने अपने आधिकारिक बयान में साफ किया है कि 1 जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा. इस दौरान मंदिर परिसर में बड़े स्तर पर नवीनीकरण, सौंदर्यीकरण और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का कार्य किया जाएगा.

परिसर में होंगे बड़े बदलाव, श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा

नवीनीकरण के बाद भीमाशंकर मंदिर परिसर पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा. मुख्य मंदिर और आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. भक्तों के लिए कतार व्यवस्था (Queue Management) को बेहतर बनाया जाएगा और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा. सुरक्षा व्यवस्था को भी आधुनिक रूप दिया जाएगा ताकि भविष्य में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन मिल सकें.

एकीकृत और समावेशी विकास योजना पर काम

सरकार की योजना है कि मंदिर परिसर में आध्यात्मिक अनुभव और आधुनिक सुविधाओं का संतुलन बनाया जाए. इसके तहत सभी ज्योतिर्लिंग स्थलों पर एक जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इनमें श्रद्धालुओं के लिए प्रतीक्षा हॉल, पीने के पानी की सुविधा, आवास और धर्मशालाएं, आंतरिक सड़कों का निर्माण, साफ-सफाई और सैनिटेशन सिस्टम, सूचना बोर्ड और डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम शामिल हैं.

इसके अलावा पर्यटक स्वागत केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन तंत्र को भी मजबूत किया जाएगा.

मंदिर प्रबंधन में पारदर्शिता पर जोर

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि टेंपल मैनेंजमेंट सिस्टम (Temple Management Systems) को एक समान और पारदर्शी बनाया जाएगा. दान, धनराशि और व्यवस्थापन से जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए सख्त मानक तय किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश न रहे. पर्यटन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि विकास कार्य तेजी से पूरे हों, लेकिन पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय रोजगार का विशेष ध्यान रखा जाए.

एआई और आधुनिक तकनीक से होगी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसरों में इंटिग्रेडेट सिक्योरिटी सिस्टम (Integrated Security System) लगाया जाएगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित होगा. इसमें एआई पावर्ड सर्विलांस (AI-powered surveillance), CCTV नेटवर्क, फेस रिकग्निशन सिस्टम, डिजिटल स्क्रीन और इमरजेंसी अलर्ट डिवाइस शामिल होंगे. इससे भीड़ नियंत्रण, निगरानी और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी.

स्थानीय पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना का उद्देश्य सिर्फ मंदिर का विकास नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देना है. हस्तकला उत्पाद, स्थानीय व्यंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष ज़ोन विकसित किए जाएंगे. इससे ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.

महाराष्ट्र के आध्यात्मिक स्थलों को मिलेगी नई पहचान

सरकार की योजना के अनुसार, भीमाशंकर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों को स्पिरिचुअल कॉरिडॉर्स ऑफ इंडिया (Spiritual Corridors of Maharashtra) के रूप में विकसित किया जाएगा. उद्देश्य यह है कि महाराष्ट्र के धार्मिक स्थल केवल आस्था के केंद्र न रहकर, पर्यटन और तकनीकी नवाचार का भी उदाहरण बनें. यह परियोजना आने वाले समय में स्मार्ट टेंपल मॉडल ऑफ इंडिया (Smart Temple Model of India) के रूप में पहचानी जा सकती है.