Bhaum Pradosh Vrat 2025: आज भौम प्रदोष व्रत के दिन करें शिवजी की पूजा, शिवलिंग पर चढ़ाएं ये खास चीजें, मिलेगी हर संकट से मुक्ति
Bhaum Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत शिवभक्तों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. मंगलवार के दिन पड़ने वाला यह प्रदोष व्रत मंगल दोष, कर्ज़, विवाद और जीवन की बड़ी बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है. आज शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और हर संकट से मुक्ति मिलती है.
Bhaum Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है. जब यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष का विशेष स्वरूप प्राप्त होता है. वर्ष 2025 में यह शुभ व्रत 2 दिसंबर को मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है. जो भी व्यक्ति श्रद्धापूर्वक भौम प्रदोष व्रत रखता है, उसके जीवन में चल रही बाधाएं, कर्ज़, वैवाहिक परेशानियां और मंगल दोष से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं. प्रदोष काल में शिवलिंग का अभिषेक करने से मनोकामनाओं की पूर्ति शीघ्र होने का आशीर्वाद मिलता है.
भौम प्रदोष का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का होता है, जो शक्ति, भूमि, साहस, कर्ज़, संपत्ति और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है. ऐसे में भौम प्रदोष व्रत का दिन मंगल ग्रह को शांत करने और उसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सर्वोत्तम माना गया है. जो लोग लंबे समय से आर्थिक संकट, कर्ज़, कोर्ट-कचहरी के मामलों, नौकरी में रुकावट या वैवाहिक जीवन में अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से शुभ फल देने वाला माना गया है.
यह व्रत उन लोगों को अवश्य करना चाहिए जो—
- कर्ज से मुक्ति चाहते हैं
- विवाह में बाधाओं का सामना कर रहे हैं
- मंगल दोष से प्रभावित हैं
- करियर या नौकरी में रुकावटें झेल रहे हैं
जल और गंगाजल
शिवलिंग पर जल और गंगाजल चढ़ाना सबसे शुभ माना गया है. इससे मानसिक शांति बढ़ती है और मन की अशांति दूर होती है.
दूध और दही
मंगल दोष की शांति के लिए दूध और दही से अभिषेक करना अत्यंत लाभकारी है. इससे जीवन की अड़चनें कम होती हैं.
बेलपत्र
भगवान शिव का प्रिय बेलपत्र प्रदोष व्रत में विशेष महत्व रखता है. तीन बेलपत्र अर्पित करने से स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है.
ये भी पढ़ें: आज भौम प्रदोष व्रत पर जरूर सुनें ये व्रत कथा, जानें क्या है इसकी विशेषता
सफेद चंदन
शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
लाल फूल
मंगल ग्रह से जुड़े लाल फूल, जैसे लाल गुलाब, चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति कई गुना बढ़ जाती है.
विशेष उपाय
प्रदोष काल—जो सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है—में “ॐ नमः शिवाय” का जाप अवश्य करना चाहिए. दीपक जलाकर शिव-पार्वती का संयुक्त पूजन करने से कर्ज़ मुक्ति, नौकरी में सफलता और वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.
भक्ति और आस्था के साथ किया गया भौम प्रदोष व्रत जीवन में सकारात्मकता लाता है और हर दिशा में सुख-समृद्धि का मार्ग खोलता है.
