सबसे अच्छा बीज मंत्र कौन-सा है ? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी

सद्गुरुश्री स्वामी आनंद जीसद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 8, 2019 8:54 AM

सद्गुरुश्री स्वामी आनंद जी
सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं…

मैंने सुना है कि महाभारत ग्रंथ घर में रखने से झगड़ा होता है. क्या यह सही है?

उदय राज पांडेय, देवघर
आम तौर पर महाभारत को मतभेद, वैमनस्य, युद्ध, संहार, द्वेष, विवाद, विघटन, नाश और शोक की कहानियों के रूप में ही देखा जाता है. यद्यपि महाभारत में जीवन को संवारने के और नसीहत लेने के ढेरों सूत्र समाहित हैं, पर कारण चाहे जो भी हो, प्रचलित मान्यताएं, धारणाएं और परंपराएं घर में महाभारत रखने का निषेध ही करती रही हैं, परंतु सिर्फ एक पुस्तक मात्र रखने से हमारी सारी योग्यता और क्षमता धूल धूसरित होकर, हमारी जिंदगी में बवाल मचा देगी और हमारा जीवन दांव पर लग जायेगा, संभव प्रतीत नहीं होता. लिहाजा बहुत-सी बातों की तरह इस परंपरा का भी कोई वैज्ञानिक या तार्किक कारण ज्ञात नहीं है.

क्या मुझे कोई सरकारी पद मिल सकता है? मेरी जन्मतिथि 11.05.1993, समय शाम 07.36, स्थान- दरभंगा.

प्रांजल शर्मा, दरभंगा
आपकी राशि धनु और लग्न मिथुन है. लाभ भाव में सूर्य और बुध की युति जहां बुद्धादित्य योग निर्मित कर रही है, वहीं कर्मेश बृहस्पति लाभ भाव में विराजमान हैं. इसके साथ पंचमेश व व्ययेश शुक्र कर्म भाव में आसीन हैं. विधाता का संकेत है कि यदि आप पूरी क्षमता और संकल्प राशि से प्रयास करें, तो अवश्य प्रशासनिक पद पर विराजमान हो सकते हैं.

बीज मंत्र क्या होता है. सबसे अच्छा बीज मंत्र कौन-सा है?

विजय प्रसाद, मुंगेर
बीज मंत्र दो शब्दों से निर्मित है- बीज और मंत्र. बीज अर्थात जिसमें जीवन, उत्पत्ति और विस्तार की गुंजाइश हो और मंत्र एक ऐसा ध्वनि निर्देश है, जो संयोजित स्वरों के द्वारा मन पर प्रभाव डाल कर रासायनिक क्रिया करते हैं. यानी शब्दों के द्वारा निर्माण, विस्तार और पुनर्निर्माण अर्थात विध्वंश के गुणों से ओत-प्रोत ध्वनि निर्देश को बीज मंत्र कहते हैं. देवनागरी के समस्त शब्द मंत्र है. इन्हीं में जगत या माया अर्थात बिंदु प्रत्यरोपित करके मातृका न्यास की रचना हुई है, जो कर्मकांड और तंत्र का अनिवार्य कर्म है. प्रमुख बीजों की बात करें तो धन के लिए प्रभावी बीज श्रीं, ऐश्वर्य का बीज ह्रीं, आकर्षण का बीज क्लीं, ज्ञान का बीज ऐं, शक्ति का बीज सौ:, स्तंभन का बीज ग्लौं या ह्लरीं, उत्थान का बीज हुम, रक्षा का बीज जूं है. पर इनका प्रयोग बिना किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के हरगिज न करें.

आध्यात्मिक मान्यताएं कहती हैं कि जल उन पंच तत्वों में से एक है, जिनसे हमारी देह निर्मित है. शरीर में इस तत्व के असंतुलन से आर्थिक कष्ट विकराल हो जाते हैं और यौन व त्वचा संबंधी विकार कष्ट देते हैं. मन की व्याग्रता, व्याकुलता व उदासी भी इसी तत्व के संतुलन कारण आती है.

उपाय जो जीवन बदले : घर के पश्चिम दिशा में अपनी तस्वीर कुल कुटुंब में प्रतिष्ठा में वृद्धि का कारक बनती है, ऐसा वास्तु के सूत्र कहते हैं.

उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा के कक्ष में यथासंभव लाल या मरून रंग के पर्दे व चादर के प्रयोग से बचें, क्योंकि यहां का तत्व जल है और लाल रंग अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जो वहां रह कर धन नाश व पारिवारिक कलह का कारक बनता है, ऐसा वास्तु की पारंपरिक अवधारणा कहती है.

यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो आप अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम-से-कम शब्दों में हमें अपना प्रश्न saddgurushri@gmail.com पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किये जायेंगे.

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