ज्योतिषीय समाधान: आर्थिक स्थिति कब सुधरेगी ? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2019 8:24 AM

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं…

सवाल- आर्थिक स्थिति कब सुधरेगी? क्या मुझे अभिनय के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है?
जन्म तिथि-09.8.1993, जन्म समय-4 बजे प्रातः, जन्म स्थान-अहमदनगर.
-सागर रक्टाते

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि मेष और लग्न मिथुन है. पंचमेश और षष्ठेश शुक्र लग्न में विराज कर अभिनय के क्षेत्र में आपको थोड़े संघर्ष के बाद कुछ सफलता का संकेत दे तो रहे हैं, पर इसके लिए कड़े श्रम और प्रयास की दरकार है. इस समय आप पराक्रमेश सूर्य की महादशा भोग रहे हैं. विधाता का संकेत है कि 0.08.202 से आप धनेश चंद्रमा की महादशा में प्रविष्ट होंगे. तब लाभ भाव में विराजमान मेष का चन्द्रमा आपके लिए आर्थिक संबल की पटकथा लिखेगा. पर जीवन में बड़ी सफलता के लिए मीठी वाणी और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही दिशा में अनवरत उचित कर्म अनिवार्य शर्त है.

सवाल- कई वर्षों से बहुत परेशान हूं. क़र्ज़ में डूब चुका हूं. बिजनेस नहीं चल रहा है. क्या करूं.
जन्म तिथि-13.12.1974, जन्म समय-8.35 प्रातः, जन्म स्थान-ग्वालियर.
-पुनीत नीखरा

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि वृश्चिक और लग्न धनु है. आपका कर्मेश बुध व्यय भाव में बैठ कर जहां करियर के लिए चुनौतियां प्रस्तुत कर रहा है वहीं भाग्येश सूर्य भी व्यय ही विराज कर आपके लाभ में पपीता लगा रहा है. बची खुची कसर धनेश व पराक्रमेश शनि की साढ़ेसाती निकाल रही है. पर आप चिन्ता हर्गिज़ न करें।आपका खराब समय किसी बुरे स्वप्न की मानिंद बीतने को बेक़रार नजर आता है. विधाता का संकेत है कि अगले वर्ष के आरंभ में शनि के गृह परिवर्तन के साथ आप सकारात्मक काल खण्ड में प्रविष्ट होंगे. नेत्रहीन व्यक्तियों की सेवा, सूर्य को लालमिर्च के बीज मिश्रित जल का अर्ध्य और मीठी वस्तुओं का वितरण लाभ प्रदान करेगा, ऐसा मैं नहीं पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं.

सवाल- सरकारी नौकरी की क्या संभावना है?
जन्म तिथि-14.03.1989, जन्म समय- 18.45, जन्म स्थान-हरिद्वार
-जुनैद अली

जवाब-सदगुरुश्री कहते हीन कि आपकी राशि मिथुन और लग्न कन्या है. आपके करियर का मालिक बुध आपकी कुंडली के छठे घर में विराज कर जहां कुछ चुनौतियां खड़ी कर रहा है, वहीं सरकारी नौकरी का कारक ग्रह मंगल मित्र वृहस्पति के साथ भाग्य भाव में बैठ कर कठिन श्रम से कुछ लाभ का संकेत भी देव रहा है. ग्रहयोगों के अनुसार हां आप सरकारी नौकरी प्राप्त तो कर सकते हैं, पर इसके लिए कठिन मेहनत की दरकार है. 18.04.2020 से 12.05.2023 के मध्य किए गए प्रयास रंग लायेंगे.

सवाल- क्या मेरे जीवन के तनावों, कष्टों और उलझनों का कारण मेरे घर का दक्षिण का मुख्य द्वार है.
-रागिनी मिश्रा

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि कि कोई भी दिशा सार्वभौमिक रूप से शुभ या अशुभ नहीं होती. यदि आपका घर वास्तु के समस्त नियमों का पालन कर रहे हों, तो सिर्फ़ मुख्य द्वार की दिशा की भूमिका न्यूनतम या गौण हो जाती है. पर घर में यदि अन्य वास्तु दोष हैं, तो मुख्य द्वार की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। आपके कष्टों और उलझनों के अन्य तमाम कारक हो सकते हैं, जिसके समुचित विश्लेषण के लिए आपके गृह का पूर्ण नक़्शा और आपकी जन्म कुंडली भी अनिवार्य है. सिर्फ़ दक्षिण दिशा पर समस्या का ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं है.

सवाल- कोई ऐसी पूजा बताइए, जिससे जीवन का संघर्ष नष्ट हो जाए.
-रोहित मुंडा

जवाब- सदगुरु श्री कहते हैं कि पूजा, उपासना, आराधना ये आंतरिक क्षमता विस्तार के टूल्स हैं. बिना कर्म के ये निरर्थक हैं. ये किसी ऐप्लिकेशन की मानिंद हैं, जो स्वयं कुछ न करके आपके अन्दर उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हैं. जिससे आप ख़ुद के पोटेंशियल से परिचित होकर अपने कर्मों से अपना जीवन संवार लेते हैं. ध्यान रखें कि सही दिशा में सतत सटीक कर्म का कोई विकल्प नहीं है. सच्चे मन और निर्विकार भावना से आप कोई भी उपासना कर सकते हैं. संदर्भ के लिए संघर्ष से निवृत्ति के लिए सप्तशती, सुन्दरकाण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ, रुद्राभिषेक और गणपति उपासना को बेहद कारगर माना गया है.

(अगर आपके पास भी कोई ऐसी समस्या हो, जिसका आप तार्किक और वैज्ञानिक समाधान चाहते हों, तो कृपया प्रभात खबर के माध्यम से सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी से सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना ही करना है कि आप अपने सवाल उन्हें सीधे saddgurushri@gmail.com पर भेज सकते हैं. चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर प्रकाशित किये जायेंगे. मेल में Subject में प्रभात ख़बर अवश्य लिखें. )

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