Aja Ekadashi 2025: त्रिपुष्कर योग में बनेंगे दुर्लभ संयोग, इन राशियों को होगा लाभ
Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी 2025 इस बार विशेष संयोग लेकर आ रही है. भाद्रपद मास की इस एकादशी पर त्रिपुष्कर योग का गठन होगा, जिसे अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल पापों का नाश होता है बल्कि कुछ राशियों को धन लाभ और भाग्य वृद्धि का भी योग बन रहा है.
Aja Ekadashi 2025: आज अजा एकादशी है और इस शुभ दिन पर एक अत्यंत दुर्लभ त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है. यह शक्तिशाली संयोग कुछ विशेष राशियों के भाग्य को चमकाने वाला है, जिससे उन्हें अप्रत्याशित धन लाभ मिलने की प्रबल संभावना है. ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस योग में किए गए किसी भी कार्य का फल तीन गुना होकर वापस मिलता है, जो निवेश, व्यापार और रुके हुए धन की प्राप्ति के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है. यह विशेष खगोलीय घटना कई लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के द्वार खोल सकती है. इस अद्भुत योग का प्रभाव किन राशियों पर सबसे अधिक पड़ेगा, यह जानने के लिए आगे पढ़ें.
अजा एकादशी का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. हर साल कुल 24 एकादशी होती हैं. इनमें से भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि अजा एकादशी की व्रत कथा सुनने मात्र से ही अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है. यह व्रत व्यक्ति के जीवन में आने वाली आर्थिक परेशानियों और पारिवारिक तनाव को दूर करने में भी सहायक माना जाता है.
त्रिपुष्कर योग का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र में त्रिपुष्कर योग को अत्यंत शुभ माना गया है. यह योग तब बनता है जब रविवार, मंगलवार या शनिवार के दिन द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि हो और साथ ही विशाखा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु या कृत्तिका नक्षत्रों में से कोई एक हो. इस योग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस दौरान किए गए किसी भी कार्य का फल तीन गुना प्राप्त होता है, चाहे वह शुभ हो या अशुभ. त्रिपुष्कर योग में धन संबंधी कार्यों में तीन गुना लाभ मिलने की संभावना रहती है. ज्योतिषियों का कहना है कि यह योग हर दूसरे या तीसरे दिन बनता रहता है.
शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय
त्रिपुष्कर योग को विशेष रूप से धन संबंधी शुभ कार्यों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इस अवधि में की गई खरीदारी भविष्य में अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हो सकती है.
- सोना, चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना गया है.
- जमीन-जायदाद खरीदना या संपत्ति में निवेश करना भविष्य में बढ़ोतरी ला सकता है.
- यह योग व्यापार से जुड़े बड़े सौदे करने के लिए भी उचित समय माना जाता है.
- इस दौरान जमा किया गया पैसा भविष्य में बैंक बैलेंस बढ़ाने में सहायक हो सकता है.
किन राशियों को मिलेगा विशेष धन लाभ
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, अजा एकादशी पर त्रिपुष्कर योग के संयोग से कुछ राशियों को विशेष रूप से धन लाभ और तरक्की मिलने की संभावना है. 19 अगस्त 2025 को अजा एकादशी पर त्रिपुष्कर योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. हनुमान जी की कृपा से भी इन राशियों को भाग्य का साथ मिल सकता है.
कर्क राशि: चंद्रमा के उच्च भाव में होने से मानसिक शक्ति में वृद्धि और नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है.
वृषभ राशि: इस राशि के जातकों को आर्थिक लाभ और स्थिरता मिलने की संभावना है.
कन्या राशि: नए अवसर प्राप्त होंगे और कार्यक्षेत्र में विस्तार देखने को मिल सकता है.
धनु राशि: यात्रा और निवेश से लाभ मिलने के योग बन रहे हैं.
मीन राशि: नया काम शुरू करने के लिए यह समय उत्तम माना गया है.
मेष राशि: कार्यक्षेत्र में साहसिक कार्यों का लाभ मिलेगा. व्यापार में जोखिम लेने से भी बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. कम्युनिकेशन, पब्लिकेशन, लेखन, शोध और टीचिंग से जुड़े जातकों को उम्मीद से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. छोटी दूरी की यात्राएं लाभदायक रहेंगी और नए लोगों से संपर्क स्थापित होगा.
मिथुन राशि: इस समय आपके व्यक्तित्व में अलग चमक दिखाई देगी. बुद्धि और मेहनत के बल पर हर क्षेत्र में कामयाबी मिल सकती है.
तुला राशि: कार्य क्षमता में वृद्धि होगी, जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएंगे और आजीविका के नए स्रोत स्थापित होंगे.
वृश्चिक राशि: भवन भूमि से संबंधित विवादों का अंत हो सकता है.
मकर राशि: पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं.
कुंभ राशि: पिता के साथ संबंधों में सुधार आ सकता है.
कुछ सावधानियां भी आवश्यक
त्रिपुष्कर योग में किए गए कार्यों का तिगुना फल मिलता है, इसलिए इस अवधि में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है.
- इस दौरान कर्ज लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका बोझ तीन गुना हो सकता है.
- कीमती वस्तुओं को बेचने से बचें.
- किसी कीमती वस्तु का खोना भी अशुभ माना गया है.
- कोई भी कार्य करने से पहले मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि अशुभ कार्य भी तिगुना फल दे सकते हैं.
