Book Review : बेहतरीन शिक्षा का पूरा ट्यूटोरियल है– इंपावरिंग लर्नर्स बिल्डिंग फाउंडेशन

Book Review : मांडवी त्रिपाठी एक शिक्षाविद और समाजसेवी हैं. उन्होंने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का समय दिया है. अपनी इस पुस्तक के जरिए उन्होंने बेहतरीन शिक्षा के जरूरी आयामों की चर्चा की है.

By Rajneesh Anand | September 5, 2025 11:04 PM

Book Review : बच्चों को बेहतरीन शिक्षा कैसे दी जाए, यह आज की शिक्षा व्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती है. माता–पिता इसके लिए पूरी तरह स्कूलों को जिम्मेदार बनाना चाहते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि बिना माता–पिता और बच्चों के सहयोग के यह संभव नहीं है. इंपावरिंग लर्नर्स बिल्डिंग फाउंडेशन, उसी दिशा में एक मार्गदर्शक है. इस किताब की लेखिका हैं मांडवी त्रिपाठी जो खुद एक शिक्षाविद्‌ हैं.

एजुकेशन के सभी स्टेक होल्डर का सहयोग जरूरी

मांडवी त्रिपाठी ने अपनी किताब में यह बताने का प्रयास किया है कि  सफल शिक्षा तभी संभव है जब तीनों पक्ष शिक्षक, माता-पिता और विद्यार्थी एक दूसरे को समझें और बेहतरीन शिक्षा के लिए प्रयास करें. बेहतरीन शिक्षा की राह में जो बाधाएं हैं, उसे मिटाने के सभी कारगर उपाय उन्होंने बताया है. 

स्कूल क्यों जरूरी हैं और उनकी असली भूमिका क्या है, इसके बारे में भी लेखिका ने बखूबी बताया है. कुल 11 चैप्टर में उन्होंने सफल शिक्षा के सभी आयामों पर चर्चा की है. विभिन्न चैप्टर्स में अलग–अलग विषयों पर चर्चा की गई है, मसलन अभिभावकों को स्कूल  से क्या उम्मीदें करनी चाहिए. स्कूल और पेरेंट्स मिलकर कैसे बच्चों की परवरिश को बेहतर बना सकते हैं. पॉजिटिव पेरेंटिंग के व्यावहारिक तरीके क्या हैं. टीचर्स और पेरेंट्स को बच्चों से किन बातों से बचना चाहिए. EQ (Emotional Quotient), SQ (Social Quotient) और AQ (Adaptability Quotient) जैसे पहलू अकादमिक सफलता जितने ही जरूरी हैं.

बेहतर शिक्षा के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण की जरूरत

मांडवी त्रिपाठी ने इस किताब में बहुत सहजता से उन बातों का जिक्र कर दिया है, जिसे बताने में हमेशा बोझिल तरीकों का प्रयोग किया जाता है. यह किताब  एक रोडमैप तैयार करती है, जिसके आधार पर बेहतर शिक्षा संभव है. यह किताब प्रैक्टिकल नजरिए पर काम करने की सलाह देती है. यह किताब बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के लिए ही बहुत उपयोगी है.

लेखिका का परिचय

मांडवी त्रिपाठी एक शिक्षाविद और समाजसेवी हैं. उन्होंने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का समय दिया है. उन्होंने अपने करियर में शिक्षकों और माता–पिता के बीच की खाई को भरने का भरपूर प्रयास किया है.

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