F1 Visa Cancelled: हमास का समर्थन किया तो नहीं पढ़ पाएंगे अमेरिका में, ट्रंप की कड़ी कार्रवाई
F1 Visa Cancelled: भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को अमेरिका से पढ़ाई अधूरी छोड़कर भागना पड़ा है. उनका एफ-1 वीजा अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने निरस्त किया था. इसके बाद इमीग्रेशन विभाग के लोग उन्हें ढूंढ़ रहे थे. रंजनी ने अमेरिका छोड़ने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया है.
F1 Visa Cancelled: रंजनी श्रीनिवासन एक भारतीय नागरिक हैं, जो एफ-1 छात्र वीजा पर कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्बन प्लानिंग में पीएचडी कर रही थीं. उन पर हमास का समर्थन करने का आरोप है. इसीलिए अमेरिका ने उनका वीजा रद्द किया. रंजनी को आनन-फानन में अमेरिका छोड़ना पड़ा. अमेरिका की ये कार्रवाई उन सभी छात्रों के लिए चेतावनी है जो वहां उच्च शिक्षा के लिए जाना तो चाहते हैं, लेकिन अन्य गतिविधियों में भी शामिल होते रहते हैं.
भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन (Ranjani Srinivasan) को अचानक अमेरिका छोड़ना पड़ गया है. वो कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एफ1 वीजा से पढ़ाई कर रही थीं. लेकिन अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने अचानक उनका वीजा रद्द कर दिया. रंजनी श्रीनिवासन पर आरोप है कि उन्होंने हमास का समर्थन किया था. वीजा रद्द होने के बाद वो आनन-फानन में कनाडा चली गई. डीएचएस के अनुसार रंजनी हमास के समर्थन वाली गतिविधियों में शामिल थीं. हमास को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने 5 मार्च 2025 को श्रीनिवासन का वीजा रद्द किया था. इसके बाद रंजनी श्रीनिवासन ने 11 मार्च 2025 को सीबीपी वन ऐप (CBP One) के माध्यम से स्वयं ही अमेरिका छोड़ दिया.
कौन है रंजनी श्रीनिवासन
रंजनी श्रीनिवासन एक भारतीय नागरिक हैं. वह एफ-1 छात्र वीजा पर कोलंबिया विश्वविद्यालय (Columbia University) में अर्बन प्लानिंग में में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही थीं. कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड प्रिजर्वेशन (GSAPP) से अर्बन प्लानिंग में एमफिल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ डिजाइन से डिजाइन में मास्टर डिग्री और भारत में सीईपीटी यूनिवर्सिटी (CEPT University) से डिजाइन में स्नातक (B.Des.) की डिग्री हासिल की है.
एफ-1 वीजा क्या है?
एफ-1 वीजा छात्रों में सबसे अधिक लोकप्रिय है. ये अमेरिका की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) से प्रमाणित संस्थानों में पढ़ने की अनुमति देता है. एफ1 वीजा के लिए तभी आवेदन किया जा सकता है, जब कोई मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान आवेदन स्वीकार कर ले. इस वीजा की अवधि कार्यक्रम के अनुसार होती है, जहां उसे पढ़ना होता है. इसकी जानकारी 1-20 फार्म में देनी होती है. इसी के अनुसार छात्र को अपनी पढ़ाई पूरी करनी होती है. एफ1 वीजा के लिए आवेदकों फार्म डीएस-160 को ऑनलाइन भरना होता है. साथ ही 160 डॉलर गैर अप्रवासी वीजा शुल्क का भुगतान करना होता है. इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होती है. पढ़ाई पूरी करने के बाद ये अमेरिका में कुछ प्रतिबंधों के साथ काम करने की अनुमति भी देता है. इसे रोजगार आधारित वीजा में बदलने के लिए भी आवेदन किया जा सकता है. इसमें शैक्षणिक कार्यक्रम के पहले वर्ष में छात्र को केवल परिसर में कार्य करने की अनुमति दी जाती है. ये अनुमति सप्ताह में 20 घंटे की होती है. छात्र शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ या अपने ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रम को पूरा करने के बाद भी प्रति सप्ताह 12 घंटे तक वैकल्पिक व्यवहारिक प्रशिक्षण ले सकते हैं. नए नियमों के अनुसार 36 महीने तक ओपीटी की जा सकती है. इसमें 12 महीने विस्तार की अनुमति भी है. लेकिन एफ1 वीजा स्थायी रूप से अमेरिका रहने की अनुमति नहीं देता है.
सीबीपी वन एप
सीबीपी वन एप (CBP One) अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा का मोबाइल एप है. ये अमेरिका में प्रवेश चाहने वाले लोगों के लिए जरूरी प्रक्रिया के लिए बनाया गया है. इससे 10 लाख लोगों ने अमेरिका में प्रवेश के लिए अपॉइंटमेंट लिया था. इसमें एक लॉटरी सिस्टम की मदद से एक दिन में 1450 लोगों को अमेरिका के बॉर्डर क्रॉस करने की अनुमति दी जाती थी. हालांकि इस एप को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद निष्प्रभावी कर दिया गया है. इसकी जानकारी सीबीपी वन एप की वेबसाइट पर साझा की गई है.
