खेती-बारी में महंगाई की मार, लैंपस से खाद-बीज नहीं मिलने से किसानों को हो रही परेशानी

झारखंड में मानूसन प्रवेश कर गया है. खरीफ फसल की खेती में लगे किसानों के लिए यह समय खेती-बारी के लिए महत्वपूर्ण है. इसके बावजूद कई किसानों के समक्ष खाद और बीज की समस्या मुंह बाये खड़ी है, वहीं बिचड़ा तैयार करने के लिए जितनी बारिश की जरूरत है, उतनी बारिश भी नहीं हो रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2022 6:50 AM

Jharkhand news: झारखंड में मानसून प्रवेश कर गया है. बारिश हो रही है, लेकिन किसानों की मानें, तो अभी भी बिचड़ा तैयार करने के लिए जितनी बारिश की जरूरत है. उतनी बारिश नहीं हुई है. किसानों ने कहा कि और बारिश की जरूरत है. किसानों के समक्ष खेती-बारी के लिए खाद-बीज की भी समस्या है. इस संबंध में प्रभात खबर ने गुमला जिला के पांच प्रखंड के किसानों से खेती-बारी के मुद्दे पर विस्तार से बात की.

खाद और बीज बड़ी समस्या

भरनो प्रखंड के किसान ओहमस बाड़ा ने कहा कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. परंतु अबतक बिचड़ा तैयार करने लायक बारिश नहीं हुई है. अभी धान की खेती का समय है. किसान अपने खेतों में जुताई करने में जुटे हैं. पर्याप्त बारिश होने पर बिचड़ा तैयार किया जायेगा. घाघरा के किसान कैलाश साहू ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या खाद व बीज की है. वर्तमान समय में डीएपी बाजारों में 2200 रुपये प्रति बोरा मिल रहा है. यह रकम बहुत अधिक है. डीजल भी महंगा है. ट्रैक्टर से जोताई में अधिक पैसा लग रहा है. हर चीज की महंगाई बढ़ने के कारण मजदूरी दर भी बढ़ गयी है. अभी से ही खाद की कालाबाजारी शुरू हो गयी है.

मानसून के दगा देने पर रोपनी में होती है देरी

वहीं, सिसई लाल पंडरिया के किसान जगेश्वर गोप ने कहा कि हम लोग कृषि पर ही निर्भर हैं. सरकार द्वारा कम मूल्यों पर समय पर बीज और खाद उपलब्ध नहीं कराए जाने से महंगी दामों में बाजार से बीज और खाद खरीदना पड़ता है. डीजल और पेट्रोल मंहगी होने से किसानों को खेत जुताई व मजदूरी भुगतान में भी अधिक खर्च आता है. कभी- कभी मानसून का दगा देने से रोपनी में देर हो जाती है. जिससे उपज में भी भारी कमी आती है और किसानों को अपनी लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता है.

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समय पर बारिश नहीं होने से बढ़ेगी परेशानी

बिशुनपुर के किसान संजय उरांव ने कहा कि इस वर्ष वर्षा समय से हुई है. हम लोग लगातार खेतों को तैयार करने में जुटे हैं. समस्या है कि डीजल के दाम बढ़ने से ट्रैक्टर से अपने खेत नहीं जुता पा रहे हैं. क्योंकि डीजल के दाम बढ़ने से परेशानी हो रही है. दूसरी ओर बीज एवं खाद का भी दाम काफी बढ़ा हुआ है जो चिंता का विषय बना हुआ है. आधी अधूरी खेती के लिए हम तैयारी कर रहे हैं. रायडीह के किसान राजेश उरांव ने बताया कि अभी तक अच्छी बारिश नहीं हो सकी है. जिसके कारण बिचड़ा तैयार नहीं हो सका है. साथ ही आर्थिक तंगी के कारण उन्नत बीज और खाद भी सही मात्रा में खरीद नहीं पाएं हैं.

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रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.

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