भारत में शुभांशु शुक्ला, वायुसेना के ग्रुप कैप्टन पर पढ़ें ये खास लेख
Shubhanshu Shukla : शुभांशु शुक्ला की वापसी के उपलक्ष्य में लोकसभा में विशेष चर्चा का आयोजन किया गया. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल देने के बाद भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आठ अरब डॉलर की हो गयी है, जिसके अगले दशक में 45 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
Shubhanshu Shukla : पृथ्वी पर लौटने के लगभग एक महीने बाद भारत आये वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जिस तरह जोरदार स्वागत हुआ, वह अंतरिक्ष में उनकी विराट उपलब्धि को देखते हुए स्वाभाविक ही है. शुभांशु शुक्ला न सिर्फ 41 वर्षों बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले वह पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी हैं. उनका यह अनुभव भविष्य के गगनयान मिशन और भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. वह आइएसएस के एक्सिओम-4 निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे, जो 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ था और 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था. कुल 18 दिनों के मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला ने 60 से अधिक प्रयोग किये और 20 आउटरीच सत्र आयोजित किये थे.
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा था कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है और यह आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि देश का हर नागरिक अंतरिक्ष क्षेत्र की इस प्रगति से गौरवान्वित है.
शुभांशु शुक्ला की वापसी के उपलक्ष्य में लोकसभा में विशेष चर्चा का आयोजन किया गया. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल देने के बाद भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आठ अरब डॉलर की हो गयी है, जिसके अगले दशक में 45 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2035 तक अपना अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनायेगा और 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर कदम रखेगा.
हालांकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन की तारीफ करते हुए कहा कि इसने देश की नयी पीढ़ी को विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित और अंतरिक्ष अध्ययन में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है, जो भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष लक्ष्यों के लिए आवश्यक है. अलबत्ता ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर विपक्ष का गैरहाजिर रहना ठीक नहीं था, क्योंकि शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि राष्ट्रीय उपलब्धि है. शुभांशु शुक्ला की कहानी न केवल देशवासियों को प्रभावित करती है, बल्कि भारत को अंतरिक्ष में नयी ऊंचाइयों तक ले जाने का भी संदेश देती है.
