भूटान तक रेल

rail link project to Bhutan : भारत दौरे पर आये भूटान के सचिव से बातचीत में इस परियोजना को हरी झंडी दी गयी. भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय बंदरगाह अहम भूमिका निभाते हैं. समत्से और गेलेफू भूटान के दो बड़े आयात-निर्यात केंद्र हैं, जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं.

By Rajneesh Anand | September 30, 2025 11:22 PM

Rail Link Project to Bhutan : केंद्र सरकार द्वारा भूटान तक रेल लिंक परियोजना को हरी झंडी दे देने से न सिर्फ भूटान जल्दी ही रेल के नक्शे पर आ जायेगा, बल्कि यह परियोजना भारत की पड़ोसी पहले की नीति को मजबूत करने के साथ व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच आपसी जुड़ाव बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी. वर्ष 2018 से ही चर्चा में रही यह परियोजना हाल ही में डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के फाइनल होने के बाद वास्तविकता के करीब पहुंची है. इस परियोजना में दो प्रमुख संपर्क मार्गों की पहचान की गयी है. पहली रेल लाइन असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू शहर को जोड़ेगी.

लगभग 69 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की, जिसमें छह नये रेल स्टेशन और कई पुलों का निर्माण होगा, लागत 3,456 करोड़ रुपये आंकी गयी है. कोकराझार-गेलेफू रेल लाइन को विशेष रेलवे परियोजना घोषित की गयी है, जिससे मंजूरी और भूमि अधिग्रहण में तेजी आयेगी. इस रेलमार्ग के अगले चार वर्ष में पूरा हो जाने की उम्मीद है. जबकि बानारहाट से समत्से तक 20 किलोमीटर लंबी दूसरी रेल लाइन पश्चिम बंगाल को भूटान से जोड़ेगी. इस रेलमार्ग पर दो रेलवे स्टेशन होंगे. कुल 577 करोड़ की इस रेल परियोजना के अगले तीन साल में पूरी हो जाने की उम्मीद है. कुल 4,033 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली ये दोनों परियोजनाएं व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगी.

इन दो परियोजनाओं के जरिये भूटान रेल से जुड़ जायेगा, जो भारतीय बाजारों तक उसकी पहुंच को आसान बनायेगा. पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी जब भूटान के दौरे पर गये थे, तब उन्होंने भारत से भूटान को जोड़ने वाली रेलमार्ग परियोजना पर दस्तखत किये थे. भारत दौरे पर आये भूटान के सचिव से बातचीत में इस परियोजना को हरी झंडी दी गयी. भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारतीय बंदरगाह अहम भूमिका निभाते हैं. समत्से और गेलेफू भूटान के दो बड़े आयात-निर्यात केंद्र हैं, जो भारत-भूटान की करीब 700 किलोमीटर लंबी सीमा को जोड़ते हैं.

भारत ने भरोसा दिया है कि भूटान के इन आर्थिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए हरसंभव कदम उठाये जायेंगे. दोनों रेल परियोजनाएं द्विपक्षीय समझौते के आधार पर शुरू हो रही हैं और इसमें किसी तीसरे देश का कोई हस्तक्षेप नहीं है. यानी ये परियोजनाएं चीन को संदेश हैं कि भूटान के साथ भारत की मजबूत साझेदारी है और बाहरी दखल की कोई गुंजाइश नहीं है.