मैं भी हाफिज, तू भी हाफिज

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद को जेल में अंदर किया गया है. यह खबर ऐसी है, जैसे पाकिस्तान सरकार भारतीय मूल के आतंकी दाऊद इब्राहिम पर सख्त हुई. पाकिस्तान सरकार आतंकियों, हाफिज सईद और चीन पर सख्त हो जाए, तो पाकिस्तान ही न रहे. पाकिस्तान है ही इसलिए कि आतंकी, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 17, 2020 7:10 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
puranika@gmail.com
पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद को जेल में अंदर किया गया है. यह खबर ऐसी है, जैसे पाकिस्तान सरकार भारतीय मूल के आतंकी दाऊद इब्राहिम पर सख्त हुई. पाकिस्तान सरकार आतंकियों, हाफिज सईद और चीन पर सख्त हो जाए, तो पाकिस्तान ही न रहे.
पाकिस्तान है ही इसलिए कि आतंकी, हाफिज सईद और चीन हैं. पाकिस्तान है ही इसलिए कि आतंकी, हाफिज सईद और चीन पाकिस्तान का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर पाएं और बदले में पाकिस्तान सरकार भी इनका अपने हिसाब से इस्तेमाल कर पाए.
पाकिस्तान सरकार हाफिज सईद से उतनी ही नाराज हो सकती है, जितना भ्रष्ट थानेदार जेबकतरों से नाराज हो सकता है. आखिर में मिल-जुल कर शाम को सबको बैठ कर साथ खाना-पीना है. पाकिस्तान को जल्दी एक आतंकरोधी अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को बताना है कि पाकिस्तान आतंकी मुल्क नहीं है. जैसे जुआरीगण थानेदार की गश्त के वक्त एकदम लूडो खेलते दिखें, इस टाइप का सीन पाकिस्तान दिखाना चाहता है. सबको पता है कि हाफिज सईद ही पाकिस्तान सरकार है और पाकिस्तान सरकार जो दिख रही है, वह दरअसल पाक सेना है और पाक सेना जो दिखाई पड़ती है, वह असल में आइएसआइ है.
और, हाफिज सईद जो लूडो खेलता दिख रहा है, वह दरअसल बम बनाता है. जनरल भी हाफिज सईद है और पीएम भी हाफिज सईद है. मैं भी हाफिज, तू भी हाफिज, सब सईद हैं, जो बड़ी हिफाजत से बमबाजी की तैयारी कर रहे होते हैं, जब बमबाजी की तैयारी नहीं कर रहे होते हैं, तो बमबाजी कर रहे होते हैं. और, अगर बमबाजी या बमबाजी की तैयारी न कर रहे होते हैं, तो चीन से और मलेशिया से भीख मांग रहे होते हैं. पाकिस्तानी हुक्मरानों की सारी व्यस्तता इन्हीं दो कामों में है- बम और भीख का दम.
पाकिस्तान ने छात्रों को चीन के वुहान में कोरोना वायरस से मरने के लिए छोड़ दिया है. एक छात्र ने बताया कि हमसे गलती हुई, जो गुहार लगायी कि हमें कोरोना से बचाओ, दरअसल हमें यह कहना चाहिए कि हमने बड़ी रकम कमा कर रख ली है, चाहे तो पाकिस्तान सरकार के प्रतिनिधि हमसे वुहान में आकर ले सकते हैं.
मिला कर पाकिस्तान का हाल वही है, जो टिपिकल चाईनीज आइटमों का होता है. जिन दरवाजों पर पाकिस्तान भीख मांगने जाता था, वह धीमे-धीमे बंद हो रहे हैं. संभव है कि भारत से पाकिस्तान के पीएम आॅफिस में फोन जाए, तो चीनी स्वर उभरें- जी, नमस्कार हम चीनी-पाक पीएम दफ्तर में आपका स्वागत करते हैं. पर, यह पाक पीएम का दफ्तर है न? जी था, अब पाक पीएम हमारे लिए चाईनीज फूड पका रहे हैं, लोन के बदले मुल्क योजना में पाक के हुक्मरानों ने पाक हमारे हवाले कर दिया है. होगा, यह भी होगा जल्दी.

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