धरती के प्रति हमारा कर्तव्य

पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी होने के नाते, मनुष्यप्रजाति की यह महती जिम्मेदारी बनती है कि वह इस संपूर्ण ब्रह्मांड में सांसों के स्पंदन से युक्त, अपनी हरी-नीली आभा से युक्त, अपने पर्यावरण, प्रकृति के अवर्णनीय सुंदरता और करोड़ों-अरबों वानस्पतिक व अद्भुत जीवों से युक्त, अपनी प्यारी, लाडली, इकलौती धरती को बचाने का भरसक प्रयत्न […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 11, 2020 1:21 AM

पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी होने के नाते, मनुष्यप्रजाति की यह महती जिम्मेदारी बनती है कि वह इस संपूर्ण ब्रह्मांड में सांसों के स्पंदन से युक्त, अपनी हरी-नीली आभा से युक्त, अपने पर्यावरण, प्रकृति के अवर्णनीय सुंदरता और करोड़ों-अरबों वानस्पतिक व अद्भुत जीवों से युक्त, अपनी प्यारी, लाडली, इकलौती धरती को बचाने का भरसक प्रयत्न करे. तभी इस पर स्थित मनुष्यप्रजाति सहित समस्त जैवमंडल भी बच सकेगा. आशा की जानी चाहिए कि यह पावन व पुनीत कार्य अवश्य हो.

निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

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