फिराक की सुधि ले सरकार

अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू भाषा-साहित्य के बड़े व अनोखे विद्वान शख्सियत, जिन्होंने अपनी जन्मभूमि को अपने नाम से जोड़ कर उसे वैश्विक बनाया, उस मशहूर शायर और प्रवक्ता जनाब फिराक गोरखपुरी को देश में वह सम्मान नहीं मिला, जिनके वह हकदार थे और आज भी हैं. यह जान कर कि गोरखपुर के एक गलियारे में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 7:37 AM
अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू भाषा-साहित्य के बड़े व अनोखे विद्वान शख्सियत, जिन्होंने अपनी जन्मभूमि को अपने नाम से जोड़ कर उसे वैश्विक बनाया, उस मशहूर शायर और प्रवक्ता जनाब फिराक गोरखपुरी को देश में वह सम्मान नहीं मिला, जिनके वह हकदार थे और आज भी हैं.
यह जान कर कि गोरखपुर के एक गलियारे में उनकी साधारण-सी इकलौती प्रतिमा है, दुख हुआ. कई साहसिक फैसले लेनेवाली और नेताजी, लौह पुरुष सरदार पटेल जैसे अनेक महापुरुषों को अभीष्ट सम्मान देने वाली वर्तमान केंद्र सरकार से अनुरोध है कि अपनी रचना से देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को मजबूती प्रदान करने वाले अजीम शायर और इंसान फिराक साहब की आदमकद प्रतिमा दिल्ली के किसी खास जगह पर स्थापित कर उन्हें उनका वाजिब सम्मान अदा करे.
सुरजीत झा, गोड्डा

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