डिजिटल के बाद भी परेशानी

21वीं सदी में डिजिटल दुनिया की ओर कदम बढ़ाना जरूरी हो गया है, परंतु डिजिटल सुविधा ही अगर आम जन को बेहाल, बेदम कर दे, फिर इस सुविधा का क्या कहना. डिजिटलीकरण में एक प्रयोग इपीएफओ द्वारा देश के कॉन्ट्रैक्ट के कर्मचारियों को यूनिवर्सल एकाउंट नंबर से जोड़ना से संबंधित है. जमशेदपुर के कई कॉन्ट्रैक्ट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 7:37 AM
21वीं सदी में डिजिटल दुनिया की ओर कदम बढ़ाना जरूरी हो गया है, परंतु डिजिटल सुविधा ही अगर आम जन को बेहाल, बेदम कर दे, फिर इस सुविधा का क्या कहना. डिजिटलीकरण में एक प्रयोग इपीएफओ द्वारा देश के कॉन्ट्रैक्ट के कर्मचारियों को यूनिवर्सल एकाउंट नंबर से जोड़ना से संबंधित है.
जमशेदपुर के कई कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के पीएफ खाते को यूएएन से जोड़ा गया. अब दिक्कत की बात यह है कि इस यूएएन में कर्मचारियों का ब्योरा दर्ज करने के वक्त कई त्रुटियां रह गयीं. अब उन त्रुटियों जैसे कर्मचारी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि सुधारने के लिए मजदूरों को कभी कॉन्ट्रेक्टर के पास, तो कभी पीएफ ऑफिस का चक्कर काटना पड़ रहा है.
ज्यादा परेशानी उन मजदूरों को होती है, जो अशिक्षित हैं. उनके ठगे जाने का भी डर बना रहता है. संबंधित मंत्रालय व विभाग का ध्यान पीएफ ऑफिस की तरफ दिलाना चाहता हूं. यूएएन से संबंधित शिकायत और लोगों की भीड़ देख कर समझा जा सकता है कि मामला कितना गंभीर और पेचिदा जा रहा है.
एल शेखर राव, जुगसलाई, जमशेदपुर

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