सबमर्सिबल के इस्तेमाल पर रोक लगाये सरकार

बिहार में इस बार गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच गया. गांव से लेकर शहरों तक में पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. शहरों में सरकारी मशीनरी के द्वारा पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाता रहा. लेकिन गांवों के जिस टोले व मुहल्ले में पानी की किल्लत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2019 7:43 AM
बिहार में इस बार गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच गया. गांव से लेकर शहरों तक में पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. शहरों में सरकारी मशीनरी के द्वारा पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाता रहा. लेकिन गांवों के जिस टोले व मुहल्ले में पानी की किल्लत थी वहां की जनता को बहुत कठिनाई झेलनी पड़ी, क्योंकि गांव के सभी तालाब, पोखर, कुएं सूख चुके थे और चापाकल भी जवाब दे गये.
अब कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से जल स्तर में सुधार हुआ है. सूखे चापाकल भी पानी देने लगे हैं. गौर करें तो एक साल से गांव से लेकर शहरों तक में निजी सबमर्सिबल बढ़ी है व व्यवसाय का भी रूप ले चुका है. इसमें पानी के जल स्तर का दोहन होता है. सरकार से आग्रह है कि निजी सबमर्सिबल की व्यवस्था बंद की जाये, ताकि भू-जल का दोहन न हो सके.
सरिता कुमारी, बल्लीपुर (समस्तीपुर)

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