जल के महत्व को समझें और बर्बादी को रोकें

हमारा देश प्राचीन काल से धार्मिक संस्कृति का देश रहा है. यहां जल संरक्षण को लेकर भी धार्मिक मान्यता रही हैं. हिंदू धर्म में नदी को देवी मूल्य बताया गया है. यहां तो गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के संगम को पवित्र बताया गया है तथा इन तीनों नदियों की पूजन की भी प्रथा भी रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 14, 2019 6:59 AM
हमारा देश प्राचीन काल से धार्मिक संस्कृति का देश रहा है. यहां जल संरक्षण को लेकर भी धार्मिक मान्यता रही हैं. हिंदू धर्म में नदी को देवी मूल्य बताया गया है. यहां तो गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के संगम को पवित्र बताया गया है तथा इन तीनों नदियों की पूजन की भी प्रथा भी रही है. भारत गांवों का देश है.
और गांव की महिलाएं कुंआ, तालाब या चापाकल को जल देवता के रूप में पूजा करती आ रही हैं. इसका धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व भी रहा है. इससे जल का संरक्षण हो तथा किसी भी प्रकार से जल का बेवजह दोहन न हो. अब तो जल संकट की समस्या हर जगह देखा जा रहा है.
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहारी)

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