ट्रंप को मानना ही पड़ा

डोनाल्ड ट्रंप ने अंततः पृथ्वी से संबंधित समस्याओं को माना लिया. जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण या ग्लोबल वार्मिंग किसी के मानने या न मानने की मोहताज नहीं है. यह वैसा ही है जैसा की सदियों पहले लोग मानते थे कि पृथ्वी चपटी है या सूर्य पृथ्वी का चक्कर लगाता है, पर वह सही नहीं था. अगर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2018 6:08 AM

डोनाल्ड ट्रंप ने अंततः पृथ्वी से संबंधित समस्याओं को माना लिया. जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण या ग्लोबल वार्मिंग किसी के मानने या न मानने की मोहताज नहीं है. यह वैसा ही है जैसा की सदियों पहले लोग मानते थे कि पृथ्वी चपटी है या सूर्य पृथ्वी का चक्कर लगाता है, पर वह सही नहीं था.

अगर अमेरिकी राष्ट्रपति यह मानते हैं कि यह सब मानव निर्मित हैं, तो वह पेरिस जलवायु समझौते से हटने के मामले में खुद ही घिर जाते. यह राजनैतिक रूप भी से उनके खिलाफ जाता. किसी भी देश की सीमाएं प्रकृति नहीं मानती. सभी देशों को चाहिए कि आपसी विवाद एक तरफ रखकर वे पृथ्वी के बारे में सिर्फ बोले नहीं बल्कि करे भी.

पृथ्वी की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. स्थिति इतनी बढ़ गयी है कि यह मानव के अस्तित्व पर भी एक बड़ा खतरा बन गयी है. खैर, कोई माने या नहीं प्रकृति जब संतुलन खोने लगती है तो उसे खुद ही ठीक करती है चाहे इसमें मानवता को कितना भी नुकसान हो.

सीमा साही, बोकारो

Next Article

Exit mobile version