ठीक जांच का अभाव

मालेगाव धमाके में अब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित पर सिर्फ आइपीसी, यूएपीए की धाराओं के तहत ही मुकदमा चलेगा. टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में सबूतों के अभाव के कारण आरोपियों को राहत मिलने वाला निर्णय आया है, मालेगांव प्रकरण में आरोपियों पर से मकोका को निरस्त कर दिया है, लेकिन इन प्रकरणों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 29, 2017 6:42 AM
मालेगाव धमाके में अब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित पर सिर्फ आइपीसी, यूएपीए की धाराओं के तहत ही मुकदमा चलेगा.
टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में सबूतों के अभाव के कारण आरोपियों को राहत मिलने वाला निर्णय आया है, मालेगांव प्रकरण में आरोपियों पर से मकोका को निरस्त कर दिया है, लेकिन इन प्रकरणों की जांच पर अधिकारियों का ठीक तरह से ध्यान था क्या?
अब तक अंतिम फैसला नहीं आया है. उससे पहले ही इस मामले ने अलग ही मोड़ पकड़ा है और देश को चौंका दिया है. जांच अधिकारी शुरू से ही इन प्रकरणों की ठीक तरह से जांच करते, तो न्यायालय का अंतिम निर्णय आ भी जाता. मालेगांव धमाके के मामले में मकोका हटा है, तो उसे लगाया ही क्यों था ? इसे कानून के साथ खिलवाड़ कहा जा सकता है.
अमित पडियार, इमेल से.

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