ग्रामीण क्षेत्रों का हो विकास

झारखंड सरकार का यह प्रचार ‘हो रहे सपने साकार, ये है रघुवर सरकार’ विचलित करता है. शायद इस नारे में सिमडेगा की उस बच्ची संतोषी का ख्याल रखा गया है, जिसकी भूख के कारण मौत हो गयी थी. उस 40 वर्षीय वैद्यनाथ रविदास को भी जरूर ध्यान में रखा गया होगा, जिसकी मौत भी भूख […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 6:40 AM
झारखंड सरकार का यह प्रचार ‘हो रहे सपने साकार, ये है रघुवर सरकार’ विचलित करता है. शायद इस नारे में सिमडेगा की उस बच्ची संतोषी का ख्याल रखा गया है, जिसकी भूख के कारण मौत हो गयी थी.
उस 40 वर्षीय वैद्यनाथ रविदास को भी जरूर ध्यान में रखा गया होगा, जिसकी मौत भी भूख से हुई. नवीनतम घटना गढ़वा की है, जहां 64 वर्षीया प्रेमनी कुंवर बिना भोजन के चल बसी. हर घटना के बाद प्रशासनिक अमला मौत का कारण बीमारी या कुछ और बताने में तनिक भी देरी नहीं करता. इस काम में भाजपा सरकार भी वही कर रही है, जो अन्य राजनीतिक पार्टियों की सरकारें कर रही थीं.
वे भी कभी यह स्वीकार नहीं करतीं थीं कि उनके यहां भुखमरी एक समस्या है. वाइब्रेंट झारखंड या मोमेंटम झारखंड का आयोजन मात्र कर लेने से विकास नहीं हो सकता. जब तक हमारा ग्रामीण अंचल भूख की समस्या से दो-चार है, ऊपर आप कुछ भी कर लें, वह विकास नहीं कहला सकता.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से

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