Numerology: अंक ज्योतिष बनाम ज्योतिष, जानें दोनों में क्या है मूलभूत अंतर

numerology: 10 साल से ज्यादा के पत्रकारिता अनुभव के साथ, मैंने हमेशा यह जानने की कोशिश की है कि सूचना को कैसे स्पष्ट और सुलभ बनाया जाए। अक्सर लोग अंक ज्योतिष और ज्योतिष को एक ही समझ लेते हैं। लेकिन वास्तव में, ये दोनों प्राचीन विद्याएं अलग-अलग सिद्धांतों पर काम करती हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि अंक ज्योतिष संख्याओं के कंपन पर केंद्रित है, जबकि ज्योतिष ग्रहों की चाल पर आधारित है.

By ArbindKumar Mishra | August 4, 2025 10:05 AM


numerology: अंक ज्योतिष और ज्योतिष, दोनों ही भविष्य जानने की प्राचीन विधाएं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके बीच मूलभूत अंतर क्या है? जहां ज्योतिष ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर भविष्यफल बताता है, वहीं अंक ज्योतिष संख्याओं के कंपन और उनके गूढ़ अर्थ पर केंद्रित है. आजकल, जहां लोग अपने भविष्य को लेकर उत्सुक हैं, वहीं इन दोनों ही विधाओं की अपनी अहमियत है. ज्योतिष वेद का छठा अंग माना जाता है, जो जीवन में होने वाली घटनाओं, क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी जानकारी देता है. दूसरी ओर, अंक ज्योतिष व्यक्ति की जन्मतिथि और नाम के अक्षरों को जोड़कर एक विशेष अंक (मूलांक या नामांक) निकालता है, जिसके आधार पर उसके व्यक्तित्व, सोच, स्वास्थ्य और करियर जैसे पहलुओं का आकलन किया जाता है. यह समझना बेहद जरूरी है कि ये दोनों ही विद्याएं एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं और कैसे काम करती हैं, ताकि आप अपनी जिज्ञासा को शांत कर सकें.

प्राचीन विद्याओं का परिचय

ज्योतिष और अंक ज्योतिष, दोनों ही प्राचीन विद्याएं हैं जो मनुष्य के जीवन और भविष्य को समझने का प्रयास करती हैं। जहां ज्योतिष का आधार ग्रहों, नक्षत्रों और खगोलीय पिंडों की स्थिति है, वहीं अंक ज्योतिष संख्याओं के माध्यम से भविष्य का अनुमान लगाता है। इन दोनों ही विद्याओं का उपयोग सदियों से आत्मज्ञान और जीवन प्रबंधन में सहायता के लिए किया जाता रहा है।

ज्योतिष: ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव

ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है जो वेदों जितना ही पुराना माना जाता है. इसे ‘ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्रम्’ कहा गया है, जिसका अर्थ है सूर्य आदि ग्रहों और समय का ज्ञान कराने वाला विज्ञान. ज्योतिष में मुख्य रूप से ग्रह (सूर्य, चंद्र, गुरु, राहु, केतु, बुध, शुक्र, शनि और मंगल), नक्षत्र (27 चंद्र नक्षत्र), और राशियों (12 राशियां) की स्थिति, चाल और उनके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है.

  • जन्म कुंडली: ज्योतिष में जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्ति की जन्म कुंडली बनाई जाती है. यह कुंडली जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे करियर, परिवार, स्वास्थ्य, और रिश्तों को दर्शाती है.
  • भविष्यवाणी: ज्योतिष के माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं, बाधाओं और शुभ-अशुभ समय का पता लगाया जा सकता है। यह व्यक्ति को सही दिशा देने और प्रतिकूल समय में उचित निर्णय लेने में मदद करता है.
  • उपयोग: ज्योतिष का उपयोग शुभ मुहूर्त चुनने, स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने, करियर और व्यवसाय के लिए सही चुनाव करने, और रिश्तों को समझने में किया जाता है.

अंक ज्योतिष: संख्याओं का विज्ञान

अंक ज्योतिष, जिसे न्यूमेरोलॉजी भी कहते हैं, एक ऐसा विज्ञान है जिसमें अंकों की मदद से व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी दी जाती है. यह गणित के कुछ नियमों का प्रयोग कर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का आकलन करता है. अंक ज्योतिष का इतिहास लगभग 10,000 वर्ष से भी पुराना है और इसका प्रयोग मिस्र, बेबीलोन और ग्रीस जैसी प्राचीन सभ्यताओं में किया जाता रहा है.

  • मूलांक: अंक ज्योतिष में व्यक्ति की जन्म तिथि के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी की जन्म तिथि 28 है, तो 2+8 = 10, फिर 1+0 = 1, तो मूलांक 1 होगा.
  • भाग्यांक: भाग्यांक निकालने के लिए व्यक्ति की पूरी जन्म तिथि (दिन, महीना, वर्ष) के अंकों को जोड़ा जाता है.
  • नामांक: नामांक किसी व्यक्ति के नाम से जुड़े अक्षरों के अंकों को जोड़ने के बाद प्राप्त होता है. फिल्म जगत में कई हस्तियों ने अंक शास्त्र की मदद से अपने नाम की स्पेलिंग में बदलाव कर भाग्य में सुधार का प्रयास किया है.
  • प्रत्येक अंक का महत्व: अंक ज्योतिष में 1 से 9 तक के प्रत्येक अंक को नौ ग्रहों का प्रतिरूप माना जाता है, और इसी आधार पर यह जानकारी प्राप्त की जाती है कि किस ग्रह पर किस अंक का असर है.

ज्योतिष और अंक ज्योतिष में मूलभूत अंतर

हालांकि ज्योतिष और अंक ज्योतिष दोनों ही भविष्यवाणियों से संबंधित हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण और आधार में महत्वपूर्ण अंतर हैं:

तुलना का आधारज्योतिषअंक ज्योतिष
आधारग्रहों, नक्षत्रों और खगोलीय पिंडों की स्थिति और चाल।संख्याओं और उनके कंपन पर आधारित।
गणना का तरीकाजन्म कुंडली बनाने के लिए जन्म तिथि, समय और स्थान का विस्तृत विश्लेषण।मूलांक, भाग्यांक और नामांक की गणना के लिए जन्म तिथि और नाम के अंकों का उपयोग।
जटिलताअधिक जटिल, जिसमें ग्रहों की दशाएं, योग, और भावों का गहन अध्ययन शामिल है।ज्योतिष की तुलना में अधिक सरल और सीधा माना जाता है।
उपयोग का दायराजीवन के विस्तृत पहलुओं पर गहरा प्रभाव, जैसे विवाह, स्वास्थ्य, करियर, सामाजिक संबंध आदि।व्यक्तिगत विशेषताओं, व्यक्तित्व, रिश्तों की अनुकूलता और भविष्य की चुनौतियों को समझने में सहायक।
ऐतिहासिक जड़ेंवेदों जितना प्राचीन, भारतीय, ग्रीक और मिस्र में भी प्रचलित।मिस्र, बेबीलोन और ग्रीस में 10,000 वर्ष से भी पहले से प्रचलित, पाइथागोरस को आधुनिक अंक ज्योतिष का जनक माना जाता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रामाणिकता

वैज्ञानिक समुदाय द्वारा ज्योतिष को अक्सर “अंधविश्वास” माना जाता है, क्योंकि इसकी भविष्यवाणियों को प्रयोगों से सिद्ध नहीं किया जा सकता. हालांकि, ज्योतिष के समर्थक इसे गणितीय गणनाओं और गहन अवलोकन पर आधारित एक कला मानते हैं जो आत्मज्ञान में मदद करती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी और उसके निवासियों पर प्रभाव डालता है, और ज्योतिष इन्हीं प्रभावों का अध्ययन करता है.

अंक ज्योतिष को भी एक प्राचीन विद्या के रूप में देखा जाता है, जिसका वैज्ञानिक आधार कुछ हद तक विवादित है। हालांकि, अंक ज्योतिष के कई आधुनिक समर्थक हैं जो अनुकूल संख्याओं को चुनने के लिए इस पद्धति का उपयोग करते हैं. यह माना जाता है कि अंकों की अपनी ऊर्जा होती है जो जीवन को प्रभावित करती है.

सामाजिक प्रभाव और उपयोग

ये दोनों ही विद्याएं लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लोग अक्सर अपने भविष्य को जानने, समस्याओं का समाधान ढूंढने और बेहतर निर्णय लेने के लिए इनकी ओर देखते हैं। ज्योतिष और अंक ज्योतिष दोनों ही व्यक्तियों को अपने जीवन पथ को समझने और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने में सहायता कर सकते हैं। कई लोग अपने घर के नंबर, गाड़ी के नंबर या फर्म के नाम का चयन भी अंक विज्ञान के आधार पर करते हैं, ताकि जीवन में सकारात्मकता आए।