योग गुरु बाबा रामदेव कई राज्यों में दर्ज मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने और दंडात्मक कार्यवाही से बचने के लिए पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

Baba Ramdev, Supreme Court, Allopathy : नयी दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों में कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मालूम हो कि कोविड-19 के उपचार में एलोपैथी की प्रभावकारिता को लेकर बाबा रामदेव द्वारा की गयी टिप्पणी के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज किये गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 5:01 PM

नयी दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों में कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मालूम हो कि कोविड-19 के उपचार में एलोपैथी की प्रभावकारिता को लेकर बाबा रामदेव द्वारा की गयी टिप्पणी के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज किये गये हैं.

योग गुरु बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए अपनी याचिका में विभिन्न राज्यों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से दर्ज की गयी प्राथमिकी में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की है. साथ ही सभी मामलों को एक साथ जोड़ने की भी मांग सुप्रीम कोर्ट से की है.

सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए बाबा रामदेव ने पटना, रायपुर समेत अन्य राज्यों में दर्ज मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की है. मालूम हो कि बाबा रामदेव पर कथित रूप से दुष्प्रचार करने, केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लंघन करने, विद्वेष की भावना से भ्रम फैलाने और आमलोगों के जान-माल को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है.

वहीं, आईएमए ने मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा था कि, ”पतंजलि के मालिक रामदेव द्वारा वैक्सीनेशन पर गलत सूचना अभियान को रोका जाना चाहिए. एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गये हैं. उन पर देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.”

इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को पत्र लिख कर कहा था कि उनका बयान कोरोना वॉरियर्स के लिए अपमानजनक होने के साथ-साथ आमलोगों को दुख पहुंचानेवाला था. मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कई चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने सेवा देते हुए जान गंवाई है. इसके बाद बाबा रामदेव ने भी बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने की बात कही थी.

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