कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिनके नाम पर अलीगढ़ में बन रहा है नया विश्वविद्यालय

राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का निर्माण अलीगढ़ के कोल तहसील के लोढ़ा तथा मूसेपुर करीम जरौली गांव की 92 एकड़ से ज्यादा जमीन में किया जा रहा है. अलीगढ़ मंडल के 395 महाविद्यालयों को इससे संबंद्ध किया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2021 3:57 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आज उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी जिसका नामकरण स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर किया गया है. इस विश्वविद्यालय की आधारशिला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बगल में रखी गयी है.

राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का निर्माण अलीगढ़ के कोल तहसील के लोढ़ा तथा मूसेपुर करीम जरौली गांव की 92 एकड़ से ज्यादा जमीन में किया जा रहा है. अलीगढ़ मंडल के 395 महाविद्यालयों को इससे संबंद्ध किया जाएगा. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, छात्रावास, आवासीय भवन आदि के लिए 101.41 करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में अलीगढ़ में एक नयी यूनिवर्सिटी बनवाने की बात कही थी, जिसकी आधारशिला 2021 में रखी गयी है.

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कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह

राजा महेंद्र प्रताप सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के मुरसान रियासत के राजा थे. उनका जन्म एक दिसंबर 1886 में हुआ था और मृत्यु 29 अप्रैल 1979 को हुई थी. अपने इलाके में वे काफी पढ़े-लिखे थे और उनका दबदबा थी था. 1915 में उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में स्वतंत्र भारतीय सरकार की स्थापना अफगानिस्तान में की थी जिसके वे राष्ट्रपति थे. महात्मा गांधी ने भी उनकी तारीफ की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिर्विसटी के कुछ दस्तावेजों से इस बात की जानकारी मिलती है.

भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए उन्होंने विदेश से सहायता मांगी लेकिन वे सफल नहीं हुए. 1946 में वे भारत लौटे आजादी के बाद उन्होंने मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते. कांग्रेस में उन्हें जगह नहीं मिली थी, इसलिए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के लिए उन्होंने जमीन का दान किया था, इसलिए इस यूनिवर्सिटी का नाम महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखने की सिफारिश की गयी थी, लेकिन बाद में अलग से विश्वविद्‌यालय की परिकल्पना की गयी.

Posted By : Rajneesh Anand

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