Who Is Draupadi Murmu: कौन हैं द्रौपदी मुर्मू? 25 जुलाई को बनेंगी देश की 15वीं राष्ट्रपति

Who Is Draupadi Murmu: द्रौपदी मुर्मू न केवल लो प्रोफाइल राजनेता हैं, बल्कि उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी है. किसी कंट्रोवर्सी में कभी नहीं पड़ीं. शिक्षित और बेदाग छवि की वजह से वह भाजपा आलाकमान की पहली पसंद बनीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2022 8:29 AM

Who Is Draupadi Murmu: भारतीय जनता पार्टी ने जब राष्ट्रपति पद के अपने उम्मीदवार का ऐलान किया, उसी दिन तय हो गया था कि द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रह चुकीं हैं. वह आदिवासी नेता हैं. भाजपा की ओर से घोषित उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की भी उम्मीदवार थीं. उन्हें कई दलों का समर्थन प्राप्त हुआ. कई राज्यों में उनके पक्ष में क्रॉस वोटिंग भी हुई. महज तीन राउंड की गिनती के बाद ही उन्होंने जीत के लिए जरूरी आंकड़ा हासिल कर लिया. तीसरे राउंड तक की गिनती में उन्हें 5,77,777 वोट मिले, जो जीत के आंकड़े से ज्यादा है.

एनडीए की संयुक्त उम्मीदवार बनीं द्रौपदी मुर्मू

झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उनके नाम का ऐलान किया था. भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद जगत प्रकाश नड्डा ने कहा था कि यूपीए के घटक दलों से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश की गयी, लेकिन यूपीए ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया.

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आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने का फैसला

श्री नड्डा ने कहा कि इसके बाद ही संसदीय दल की बैठक में इस बात का फैसला किया गया कि किसी आदिवासी को इस बार राष्ट्रपति बनाया जाये. इसलिए संसदीय दल ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया. जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती थी कि सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुना जाये, लेकिन यूपीए ने इसमें रुचि नहीं ली.

जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह ने की अलग-अलग दलों से बात

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि राजनाथ सिंह और उन्होंने खुद अलग-अलग दलों के साथ राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की. लेकिन, यूपीए ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके बाद भाजपा संसदीय दल ने फैसला किया कि किसी आदिवासी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाये. संसदीय दल ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू? Who is Draupadi Murmu?

अब बात करते हैं कि द्रौपदी मुर्मू कौन हैं? क्यों भाजपा ने उन पर दांव खेला? द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा से हैं और संताल आदिवासी समाज से आती हैं. झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. 1997 में उनका राजनीति में पदार्पण हुआ था. इसी साल वह स्थायी पार्षद चुनी गयीं. वह ऐसे राज्य से हैं, जहां भाजपा को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

ओड़िशा की बेहद शिक्षित नेता हैं द्रौपदी मुर्मू

झारखंड की राज्यपाल बनने से पहले द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा के रायरंपुर से विधायक रहीं. ओड़िशा में मंत्री भी रहीं. ओड़िशा की एकमात्र महिला नेता हैं, जिसे किसी राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया गया. बीजू जनता दल की सरकार में द्रौपदी मुर्मू वाणिज्य और परिवहन तथा मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल चुकीं हैं.

साफ-सुथरी छवि की लो प्रोफाइल लीडर

द्रौपदी मुर्मू न केवल लो प्रोफाइल राजनेता हैं, बल्कि उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी है. किसी कंट्रोवर्सी में कभी नहीं पड़ीं. शिक्षित और बेदाग छवि की वजह से वह भाजपा आलाकमान की पहली पसंद बनीं. बता दें कि द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी के सोशल ट्राइब मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रह चुकीं हैं.

जनजातीय मामलों को लेकर रहती हैं सजग

द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में 18 मई 2015 को शपथ ली थी. पांच वर्ष का कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नयी नियुक्ति नहीं किये जाने के कारण श्रीमती मुर्मू का कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया. छह वर्ष एक माह 18 दिन का रहा. अपने पूरे कार्यकाल में कभी विवादों में नहीं रहीं. बल्कि हमेशा जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य को लेकर सजग रहीं.

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