एके 203 असॉल्ट राइफल का नाम सुनते ही दुश्मनों का दहलने लगता है दिल, इतना खतरनाक है यह हथियार, जानें खासियत…

दरअसल, आज भारत-रूस के बीच जिस एके 203 असॉल्ट राइफल के साझा निर्माण के समझौते पर हस्ताक्षर होना है, वह हथियार बेहद खतरनाक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2021 9:42 AM

नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन आज चंद घंटों के लिए भारत का दौरा करेंगे. उनकी यह यात्रा जितनी छोटी होगी, उससे कहीं अधिक पावरफुल होगी. इसका कारण यह है कि इस भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली अहम बैठक में कई ऐसे सौदों पर अंतिम मुहर लगेगी, जिससे देश की रक्षा प्रणाली पहले के मुकाबले अधिक मजबूत होगी. इन्हीं अहम सौदों में एके 203 असॉल्ट राइफल सौदा भी शामिल है. यह हथियार इतना खतरनाक है कि इसका नाम सुनते ही दुश्मनों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और दिल दहलने लगता है.

रूस के रूस के राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. 21वें दौर की भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान आज एके 203 असॉल्ट राइफल के साझा निर्माण के समझौते पर अंतिम मुहर लगेगी. इसके साथ ही, आज की बैठक में मिसाइल रक्षा प्रणाली एस 400 के सौदे पर दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के हस्ताक्षर किए जाएंगे.

कितना खतरनाक है एके 203 असॉल्ट राइफल

दरअसल, आज भारत-रूस के बीच जिस एके 203 असॉल्ट राइफल के साझा निर्माण के समझौते पर हस्ताक्षर होना है, वह हथियार बेहद खतरनाक है. एके-203 असॉल्ट राइफल 300 मीटर की दूरी पर भी अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. एक-203 असॉल्ट राइफल में 7.62×39 एमए की गोली का इस्तेमाल किया जाता है. बिना मैगजीन के एके-203 असॉल्ट राइफल का वजन लगभग 3.8 किलो का होता है. एके-203 असॉल्ट राइफल हल्के वजन और एडवांस टेक्नोलॉजी वाली राइफल है, जिसका नाम सुनते ही दुश्मनों का दिल दहलने लगता है. इस राइफल का साझा निर्माण उत्तर प्रदेश के अमेठी में किया जाना है.

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पहली बार भारत-रूस के बीच होगी 2+2 वार्ता

समझा जाता है कि भारत-रूस के नेताओं के बीच हथियार सौदों में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली को लेकर भी बात होगी. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और रूस के बीच वर्ष 2018 में हुए इस रक्षा सौदे में डिलीवरी शेड्यूल समेत कुछ अन्य मुद्दों पर स्पष्टता की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है. इस दौरान भारत और रूस के बीच विशेष वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने और आपसी सहयोग के मुद्दे पर चर्चा होगी. सबसे खास बात यह है कि भारत और रूस के बीच पहली बार 2+2 वार्ता होगी.

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