Viral Video: पलटना पाकिस्तान की फितरत… सच साबित हुआ लक्ष्य मूवी का डायलॉग

Viral Video: शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अचानक धमाकों की आवाजें सुनाई दीं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के अनुसार, कई इलाकों में सायरन भी बजते सुने गए. यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ ही घंटे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक नए सीजफायर की घोषणा की गई थी.

By Abhishek Pandey | May 11, 2025 1:30 PM

Viral Video: भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित “पूर्ण और तत्काल” सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में भारी गोलीबारी कर सीजफायर तोड़ दिया गया. इस घटनाक्रम के साथ ही बॉलीवुड फिल्म ‘लक्ष्य’ का एक मशहूर डायलॉग एक बार फिर से लोगों की जुबां पर लौट आया.

यह डायलॉग है “मुझे उन लोगों का तजुर्बा है… पाकिस्तानी हारे तो पलट के एक बार फिर आता है. अगर जीत जाओ तो फौरन लापरवाह नहीं हो जाना… मेरी बात याद रखना.” फिल्म में यह संवाद दिवंगत अभिनेता ओम पुरी ने बोला था, जो भारतीय सेना के एक अनुभवी अफसर की भूमिका निभा रहे थे. उनके इस डायलॉग को आज की परिस्थिति में बेहद प्रासंगिक बताया जा रहा है.

सीजफायर के 4 घंटे बाद ही भारी फायरिंग, श्रीनगर में गूंजे धमाके

शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अचानक धमाकों की आवाजें सुनाई दीं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के अनुसार, कई इलाकों में सायरन भी बजते सुने गए. यह घटना उस वक्त हुई जब कुछ ही घंटे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक नए सीजफायर की घोषणा की गई थी. इस सीजफायर की जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर साझा की थी, जिसे उन्होंने “फुल एंड इमीजिएट” यानी पूर्ण और तात्कालिक बताया.

सोशल मीडिया पर ओम पुरी का डायलॉग बना चर्चा का केंद्र

सीजफायर के टूटने के बाद X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने ‘लक्ष्य’ फिल्म के डायलॉग को शेयर करते हुए लिखा “सीजफायर ठीक है लेकिन ओम पुरी की बात कभी नहीं भूलनी चाहिए.” “ये कोई फिल्मी लाइन नहीं, ये सेना के अनुभव की निचोड़ है.” “सीजफायर के महज चार घंटे बाद पाकिस्तान ने वही किया जो हमेशा करता आया है — धोखा.” एक यूजर ने लिखा, “ओम पुरी का डायलॉग तब भी सच था, आज भी है. पाकिस्तान की फितरत नहीं बदलती.”

“याद रखूंगा सर…” अब सिर्फ फिल्मी जवाब नहीं

हृतिक रोशन का ओम पुरी को दिया जवाब — “याद रखूंगा सर” — अब हर भारतीय नागरिक और सैनिक की भावना बन गया है. यह संवाद आज एक राष्ट्रीय चेतावनी की तरह काम कर रहा है कि दुश्मन को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए.

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