Viral Video: हैवान प्रिंसिपल! 5 साल की बच्ची को बेरहमी से पीटा, वीडियो देख कांप जाएगा कलेजा

Viral Video of Principal brutally beat 5 year old girl

By Aman Kumar Pandey | April 19, 2025 12:49 PM

Viral Video: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है. बताया जा रहा है कि यहां एक स्कूल में पढ़ने वाली नर्सरी कक्षा की मासूम बच्ची को उसकी प्रिंसिपल ने इतनी बेरहमी से पीटा कि वह मानसिक रूप से असंतुलित हो गई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बच्ची बेहद कमजोर हालत में दिखाई दे रही है, उसका शरीर कांप रहा है और वह बेहोशी की हालत में है. यह दृश्य देखने के बाद हर किसी की आंखें नम हो गई हैं और लोग गुस्से में प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, यह घटना हापुड़ के आलमनगर गांव स्थित एक स्कूल की है, जहां लगभग 5 साल की बच्ची मानवी नर्सरी में पढ़ती थी. बताया जा रहा है कि बच्ची डर के कारण क्लासरूम में ही पेशाब कर बैठी थी. इस पर प्रिंसिपल ने अपना आपा खो दिया और बच्ची को बुरी तरह पीट दिया. पिटाई इतनी क्रूर थी कि बच्ची की मानसिक स्थिति बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई.

बच्ची को तत्काल नजदीकी बहादुरगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर देख कर डॉक्टरों ने उसे मेरठ रेफर कर दिया. बच्ची के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मानवी के पिता ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, खासकर X (पूर्व में ट्विटर) पर इसे हजारों लोग देख चुके हैं. वीडियो पर 2500 से अधिक व्यूज और सैकड़ों प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं. लोग इस निर्ममता की कड़ी निंदा कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “ऐसी शिक्षिका को तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर, उस पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.” दूसरे यूजर ने कहा, “बच्चों को डराकर नहीं, प्यार से पढ़ाया जाना चाहिए.” कई यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि अगर किसी बच्चे के साथ इतना अमानवीय व्यवहार हो सकता है, तो स्कूल सुरक्षित जगह कैसे माने जाएं?

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फिलहाल इस मामले पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. यह घटना न केवल शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर करती है कि आखिर किस मानसिकता के लोग शिक्षा जैसे पवित्र पेशे में शामिल हैं.

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