‘देश और लोकतंत्र के बारे में वेंकैया नायडू से बहुत कुछ सीखने योग्‍य’, पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा

पीएम मोदी ने कहा कि हम इस वर्ष ऐसा 15 अगस्त मना रहे हैं जब स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री सब के सब ऐसे लोग हैं जो आज़ाद भारत में पैदा हुए, और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं. ये देश के नए युग का प्रतीक भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2022 11:54 AM

राज्यसभा में आज सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की विदाई के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक नजर आये. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम सब यहां राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को उनके कार्यकाल के समापन पर धन्यवाद देने के लिए मौजूद हैं. यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है.

मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं परन्तु सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं. आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा. हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास देश के लिए भावनाएं हों, बात कहने की कला हो, भाषा की विविधता में आस्था हों तो भाषा, क्षेत्र हमारे लिए कभी भी दीवार नहीं बनती हैं ये आपने(एम. वेंकैया नायडू) सिद्ध किया है.

देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में

पीएम मोदी ने कहा कि हम इस वर्ष ऐसा 15 अगस्त मना रहे हैं जब स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री सब के सब ऐसे लोग हैं जो आज़ाद भारत में पैदा हुए, और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं. ये देश के नए युग का प्रतीक भी है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है. तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं.

आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया

आगे पीएम मोदी ने कहा कि आदरणीय सभापति महोदय आप तो देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है. आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया. उपराष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब 25% युवाओं के बीच में रहे हैं. ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है.

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देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीखने योग्‍य

प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग अलग भूमिकाओं में देखा है. आपकी बहुत सारी भूमिकाएं ऐसी भी रही, जिसमें आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है. उन्होंने कहा कि आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है. मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं.

आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है

पीएम मोदी ने कहा कि आपकी किताबों में आपकी वो शब्द प्रतिभा झलकती है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं. आपके one liners, wit liners होते हैं। उनके बाद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रह जाती. आपने दक्षिण में छात्र राजनीति करते हुए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. तब लोग कहते थे कि जिस विचारधारा से आप जुड़े थे, उसका और उस पार्टी का निकट भविष्य में तो दक्षिण में कोई सामर्थ्य नजर नहीं आता है. लेकिन आप उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के शीर्ष पद तक पहुंचे.

पीएम मोदी ने कहा कि आप कहते हैं कि मातृभाषा आंखों की रोशनी की तरह होती है, और दूसरी भाषा चश्मे की तरह होती है. ऐसी भावना हृदय की गहराई से ही बाहर आती है. आपकी मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है.

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