तेज हो रहा है उत्तराखंड में सियासी पारा, बढ़ सकती है मुख्यमंत्री की परेशानी

uttarakhand news Political mercury is increasing in Uttarakhand Chief Minister's problem may increase uttarakhand news in hindi इन दो पर्यवेक्षकों की मदद से पार्टी उत्तराखंड की राजनीति में अपनी जमीन समझने की कोशिश कर रही है. अगर दोनों को यह लगता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री से लोगों की नाराजगी है और पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है तो पार्टी चुनाव से पहले बड़े रणनीतिक फेरबदल कर सकती है. सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में भाजपा के कई विधायकों ने ही उनके खिलाफ शिकायत की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2021 6:54 PM

उत्तराखंड में सियासी हलचल अचानक तेज हो गयी है. भारतीय जनता पार्टी के दो पर्यवेक्षक भेजे हैं. ऐसी खबर है कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पार्टी के कुछ लोग ही नाराज चल रहे हैं. इन दो पर्यवेक्षकों ने इसकी पड़ताल की है और कई लोगों से मिलकर बात की है. इस पूरे राजनीतिक हालात पर दोनों पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व को एक रिपोर्ट सौपेंगे.

इन दो पर्यवेक्षकों की मदद से पार्टी उत्तराखंड की राजनीति में अपनी जमीन समझने की कोशिश कर रही है. अगर दोनों को यह लगता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री से लोगों की नाराजगी है और पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है तो पार्टी चुनाव से पहले बड़े रणनीतिक फेरबदल कर सकती है. सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में भाजपा के कई विधायकों ने ही उनके खिलाफ शिकायत की थी.

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ शिकायत की थी. विधायकों ने यह भी कहा था कि अभी चुनाव हुए तो भाजपा को इस नाराजगी का असर पड़ेगा और भाजपा परेशानी में पड़ सकती है.

विधायकों ने कहा कि सरकारी अधिकारी काम नहीं करते अगर चुनाव होते हैं तो किस तरह जनता के बीच जायेंगे. दोनों पर्यवेक्षक इस बात की हीं जांच कर रहे हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर कितनी नाराजगी है. क्या इस नाराजगी का लाभ विरोधी पार्टियां उठा सकती है

भाजपा के कई नेताओं ने चिंता जतायी है. नेताओं का कहना है कि संभव है कि राजस्थान जैसा नारा यहां भी सुनने को मिल सकता है कि मोदी तुझसे बैर नहीं ….. खैर नहीं. उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं. कई राजनीतिक पार्टियां चुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगी है.

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आम आदमी पार्टी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह उत्तराखंड में चुनाव लड़ेगी . अब देखना है कि दोनों पर्यवेक्षक वापस लौटकर केंद्रीय नेतृत्व को क्या रिपोर्ट करते हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर पार्टी फैसला लेगी.

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